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बीएचयू कार्यकारी परिषद गठन में जवाब दाखिल न करने पर चेतावनी

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

–हाईकोर्ट ने केंद्र को दी अंतिम चेतावनी

प्रयागराज, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बी एच यू) में कार्यकारी परिषद के गठन में हो रही देरी पर केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शिक्षा मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग को 29 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि इस तिथि तक जवाब दाखिल नहीं किया गया, तो न्यायालय आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगा, जो हो सकता है कि परिवादी के अनुकूल न हो।

यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने हरिकेश बहादुर सिंह की जनहित याचिका पर दिया। याचिकाकर्ता ने बीएचयू में कार्यकारी परिषद के तत्काल गठन की मांग की है, क्योंकि वर्तमान में परिषद के अभाव में सभी निर्णय कुलपति द्वारा लिए जा रहे हैं, जो नियमानुसार उचित नहीं है। कार्यकारी परिषद को विश्वविद्यालय के लिए नियम बनाने, वित्तीय और नियुक्ति संबंधी मामलों में निर्णय लेने का अधिकार होता है।

न्यायालय ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पिछली कई सुनवाइयों से केंद्र सरकार के वकील द्वारा व्यक्तिगत कठिनाई के कारण समय मांगा जा रहा था। निर्धारित तिथि (16 अप्रैल, 2025) के ढाई महीने बाद भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। केंद्र के वकील ने कोर्ट को बताया कि संबंधित सचिव को सूचित करने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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