HimachalPradesh

(अपडेट) हिमाचल में भूस्खलन से 245 सड़कें बंद, 918 ट्रांसफार्मर ठप, 683 पेयजल योजनाएं प्रभावित

हिमाचल में भूस्खलन

शिमला, 02 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश भीषण मानसूनी कहर से जूझ रहा है। प्रदेश में 20 जून को मानसून की दस्तक के बाद से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। बारिश के साथ हो रहे भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने कई जिलों में तबाही मचाई है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से के अनुसार बुधवार शाम छह बजे तक प्रदेश में भूस्खलन की वजह से 245 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इनमें से सर्वाधिक 151 सड़कें मंडी जिले में अवरुद्ध हैं। कुल्लू में 37 और शिमला में 27 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इसके अलावा प्रदेशभर में 918 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित है। मंडी जिले में सबसे अधिक 489 ट्रांसफार्मर बंद हैं, जबकि हमीरपुर में 333 और कुल्लू में 65 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं।

बिजली के साथ ही पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। प्रदेश में 683 पेयजल योजनाएं ठप हैं, जिनमें अकेले मंडी की 465 और हमीरपुर की 144 योजनाएं शामिल हैं। इससे लोगों को पीने के पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

आठ जुलाई तक बारिश की चेतावनी, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने हिमाचल में आठ जुलाई तक मौसम खराब बने रहने की चेतावनी जारी की है। तीन जुलाई को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश और गरज-चमक के साथ येलो अलर्ट घोषित किया गया है। चार जुलाई को भी कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के लिए येलो अलर्ट जारी रहेगा।

पांच जुलाई से प्रदेश के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दिन ऊना, कांगड़ा और मंडी जिलों में ऑरेंज अलर्ट रहेगा, जबकि बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर में येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। छह जुलाई को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, सिरमौर, शिमला और मंडी जिलों में फिर से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि सात जुलाई को भी ऑरेंज अलर्ट और आठ जुलाई को येलो अलर्ट जारी रहेगा।

मौसम विभाग ने तीन जुलाई को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बाढ़ की आशंका के चलते विशेष चेतावनी दी है।

धर्मपुर में सर्वाधिक बारिश, कई स्थानों पर 30 से 40 मिमी वर्षा

बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम दर्जे की बारिश दर्ज की गई। सोलन जिले के धर्मपुर में सबसे अधिक 50 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा सोलन के ही अन्य स्थानों पर 40 मिमी, मंडी में 40, शिमला जिले के सराहन, सोलन, पंडोह और जुब्बड़हट्टी में 30-30 मिमी, सुंदरनगर, कंडाघाट, बैजनाथ, भराड़ी और कुफरी में 20 मिमी तक बारिश हुई।

62 लोगों की मौत, 283 करोड़ का नुकसान

राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार 20 जून से अब तक राज्य में वर्षा जनित हादसों में 62 लोगों की मौत हो चुकी है और 56 लोग अब भी लापता हैं। 103 लोग घायल हुए हैं, 84 मवेशियों की मौत हुई है और अब तक कुल 223 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। अकेले मंडी जिले में 168 घर पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं।

प्रदेश को मानसूनी आपदा से अब तक कुल 283 करोड़ रुपये की क्षति हुई है, जिसमें जलशक्ति विभाग को 163 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 117 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।

मंडी जिला में भारी तबाही

इस मानसूनी कहर से सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिला है, जहां सोमवार रात थुनाग, गोहर, करसोग, धार जरोल, पांदव शिमला सहित कई क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि इन हादसों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग अब भी लापता हैं। जिला में अब तक 148 घर ढह चुके हैं, 14 पुल बह गए हैं और 31 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। करीब 162 मवेशियों की भी जान इस आपदा में चली गई है। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियां राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं और अब तक 370 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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