गांधीनगर, 2 जुलाई (Udaipur Kiran) : मध्य रेलवे के महाप्रबंधक धर्मवीर मीना ने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किया। वह भारतीय रेलवे सेवा सिग्नल इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसएसई) के 1988 बैच के अधिकारी हैं। मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण करने से पहले वे मध्य रेल के प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। 1992 में दक्षिण पूर्व रेलवे, शहडोल में सहायक सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया और 1998 तक इस पद पर रहें।
उन्होंने 1988 में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बीई की डिग्री पूरी की और कानून में मास्टर्स भी किया। मार्च 1990 में रेलवे में शामिल हुए और दक्षिण पूर्व रेलवे, पश्चिमी रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे और मध्य रेलवे में फील्ड और मुख्यालय दोनों में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने सिग्नलिंग परियोजनाओं और विभिन्न मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं, सुरक्षा कार्यों से संबंधित सिग्नलिंग कार्यों को रिकॉर्ड समय में पूरा किया है।
बिलासपुर में मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर तथा खुर्दा रोड पर वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर के पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद पश्चिम रेलवे में उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिसमें सिस्टम की समग्र विश्वसनीयता में सुधार, सिग्नलिंग इंस्टॉलेशन, सिग्नलिंग कार्य, रिकॉर्ड मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं शामिल हैं। (जिसमें वीरमगाम जंक्शन-समाख्यापाली जंक्शन तथा सुरेन्द्रनगर-राजकोट, अहमदाबाद-मेहसाणा जंक्शन का दोहरीकरण-सह-आमान परिवर्तन शामिल है।) उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप हर सप्ताह एक से अधिक इंस्टॉलेशन चालू किए जा रहे हैं। नवीन तरीकों तथा भविष्य की प्रौद्योगिकियों को अपनाकर गतिशीलता, थ्रूपुट वृद्धि कार्य उनके कार्यकाल की प्रमुख विशेषताएं थीं। अहमदाबाद डिवीजन के वडनगर तथा विसनगर के बीच प्रथम एम्बेडेड ब्लॉक को पूरा करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। आपने 2020 में भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग मैनुअल (आईआरएसईएम) समीक्षा समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।
प्रधान मुख्य सिग्नलिंग एवं दूरसंचार इंजीनियर (पीसीएसटीई) के रूप में, उन्होंने मथुरा जंक्शन से नागदा जंक्शन तक 548 किलोमीटर की दूरी के लिए 994 मार्गों (न्यू कटनी जंक्शन (एनकेजे) मेगा यार्ड), स्वचालित सिग्नलिंग (एसबीएस), लेवल क्रॉसिंग (एलसी) इंटरलॉकिंग कार्यों, (यांत्रिक सिग्नलिंग आदि को हटाने सहित) आर्मरिंग कार्यों के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) को सफलतापूर्वक स्थापित किया। रेल मंत्री के निर्देशानुसार गठित ‘कवच कार्य समूह’ का भी नेतृत्व किया।
मीना ने इनसीड, सिंगापुर और आईसीएलआईएफ, मलेशिया में उन्नत प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रमों और आईएसबी, हैदराबाद में रणनीतिक प्रबंधन कार्यशाला में भाग लिया है।
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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad
