Uttar Pradesh

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन

निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करते विद्युत विभाग के कर्मचारी

फतेहपुर, 02 जुलाई (Udaipur Kiran) । बुधवार को जिले के विद्युत विभाग के कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर्स व अभियंताओं ने विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया। फेडरेशन के सदस्यों ने नाै जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश व राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन फतेहपुर के सदस्य जितेंद्र मौर्य, आदित्य त्रिपाठी, विनय शुक्ल, मो. इम्तियाज़, राजकुमार गुप्ता, धीरेन्द्र सिंह, अभिजीत, राकेश कुमार, संतोष सिंह, लाल सुदर्शन सिंह, निसार खान ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत वितरण निगमों में घाटे के भ्रामक आंकड़ों देकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया है जिसे लेकर उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों में भारी नाराजगी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मी विगत सात माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज तक एक बार भी उनसे वार्ता नहीं की।

उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड व शासन के कुछ बड़े अधिकारियों की कुछ चुनिंदा निजी घरानों के साथ मिली भगत है। वे लाखों करोड़ रुपए की बिजली की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल निजी घरानों को बेचना चाहते हैं। पूर्वांचल में प्रदेश की सबसे गरीब जनता रहती है। दक्षिणांचल में बुंदेलखंड के क्षेत्र में बेहद गरीब लोग रहते हैं जहां पीने के पानी की भी समस्या है। निजीकरण होने के बाद यहां के उपभोक्ताओं की सब्सिडी समाप्त होने का अर्थ होगा कि उपभोक्ताओं को 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली खरीदनी पड़ेगी जो वे नहीं कर पाएंगे। इस प्रकार उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को लालटेन युग में धकेला जा रहा है।

बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों का कोई भी उत्पीड़न करने की कोशिश की गई तो देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शक नहीं रहेंगे और सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।

(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र कुमार

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