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मंडी के सराज में अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी, केंद्र से मांगी मदद : जयराम ठाकुर

आंखों के सामने बह गए आशियाने और पुल

मंडी, 02 जुलाई (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सराज क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा को अभूतपूर्व बताते हुए प्रदेश सरकार से राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने की मांग की है। बुधवार को उन्होंने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों कुकलाह और बगस्याड का दौरा किया और कहा कि सराज में तीन दिनों से न बिजली है, न संचार सेवाएं चल रही हैं। थुनाग और जंजैहली तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है क्योंकि मुख्य सड़कों पर भारी भूस्खलन हुआ है और सड़कें टूट चुकी हैं।

जयराम ठाकुर ने बताया कि थुनाग, पखरैर और पांडवशीला क्षेत्रों से अब तक 20 से अधिक लोग लापता हैं। खासकर पखरैर पंचायत के डेज़ी गांव से 11, थुनाग से 5 और पांडवशीला से 2 लोग लापता बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहत कार्य अभी तक प्रभावी नहीं हो पाए हैं और न ही प्रशासन की पहुंच हर प्रभावित क्षेत्र तक हो सकी है।

उन्होंने बताया कि पखरैर गांव में बादल फटने की वजह से लोग बह गए हैं और प्रशासन अब तक मौके पर नहीं पहुंच पाया है। इलाके की करीब 25 पुलियां पूरी तरह टूट चुकी हैं और लगभग 200 से अधिक घर प्रभावित हुए हैं। थुनाग इलाके में भी 150 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलकर ही आवागमन करना पड़ रहा है।

जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार से एनडीआरएफ और वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मांग की थी, जिस पर गृह मंत्री की ओर से तुरंत कार्रवाई की गई। एनडीआरएफ के कमांडेंट से भी उन्होंने लापता लोगों की तलाश युद्धस्तर पर करने को कहा है। जल शक्ति, लोक निर्माण विभाग और बिजली बोर्ड के मुख्य अभियंताओं से बैठक कर निर्देश भी दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि बाखली और कुकलाह पुल पूरी तरह बह चुके हैं और अब रोपवे ही एकमात्र साधन बचा है। इसलिए उन्होंने रोपवे सेवा को चौबीस घंटे चालू रखने और रियायती दरों पर स्थानीय लोगों को सामान लाने-ले जाने की सुविधा देने की मांग की है। जयराम ठाकुर कैंची मोड़ से रोपवे के जरिए प्रभावित इलाकों में पहुंचे और स्थानीय लोगों से मिलकर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और प्रभावितों ने बताया कि रात के समय आई बाढ़ ने मंदिर, घर, दुकानें, वाहन और खेत सब बहा लिए। कुछ लोग अभी भी मलबे में फंसे हैं, कई परिवार बेघर हो गए हैं और प्रशासन से अब तक केवल पटवारी ही मौके पर पहुंचा है। न टेंट मिले हैं, न राशन और न ही कोई फौरी राहत।

शरण पंचायत के प्रधान ऋषभ और जिला परिषद सदस्य रजनी ठाकुर ने कहा कि सोमवार की रात कहर बनकर आई। महिलाएं और बच्चे कीचड़ में फंस गए जिन्हें युवाओं ने सुबह बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला। मवेशी बह गए और घरों की तबाही ने लोगों को बेसहारा कर दिया है।

जयराम ठाकुर ने सरकार से अपील की है कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास, राशन, टेंट और सुरक्षित ठहरने की व्यवस्था तत्काल की जाए।

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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