
दमोह, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । भले ही सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और बेहतर व्यवस्था की बात करती हो परन्तु वास्तविकता कुछ और दिखाई देती है। दमोह जिले का सबसे बडा जिला चिकित्सालय डा.प्रेमशंकर जिला चिकित्सालय में उपलब्ध डायलिसिस की 6 मशीनों में से दो बंद पडी हुई हैं। जबकि यहां पर आने वाले एचआईव्ही एड्स से पीढित रोगियों को इसके लिये अलग से कोई व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आ रही है।
नकार बताते हैं कि चार चरणों में प्रतिदिन डायलेसिस हो रहा है जिसमें प्रतिदिन पचास से अधिक मरीजों को सुविधा प्राप्त हो रही है। बात करें अगर एचआईव्ही पीढितों की तो यह संख्या जिले में पांच सौ से अधिक बतायी जा रही है। चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों की माने तो एड्स से पीढितों को कैंसर और किडनी से संबधित बीमारियों का खतरा अधिक बढ जाता है। क्योंकि उसके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता सबसे कम होती है जिले में एैसे मरीज भी होने की बात सामने आयी है। अब इन मरीजों के लिये भी डायलेसिस की आवश्यकता होती है जिसके लिये अलग से व्यवस्था होना चाहिये।
सिविल सर्जन सह अधीक्षक डा.प्रहलाद पटेल ने बताया कि इसके लिये शासन को पत्र लिखा है प्राप्त निर्देशों और सुविधा के अनुसार कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा।
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(Udaipur Kiran) / हंसा वैष्णव
