
जयपुर, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार ने एसआई भर्ती 2021 को फिलहाल निरस्त नहीं करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने मामले को अंतिम निस्तारण के लिए 7 जुलाई का दिन तय किया है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश कैलाश चंद शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद पेश हुए। उनकी ओर से कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट पेश कर कहा कि फिलहाल भर्ती को निरस्त नहीं किया जा सकता। अभी तक की जांच में काफी कम अभ्यर्थी दोषी पाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया की 313 अभ्यर्थी पहली बार किसी सरकारी सेवा में चयनित हुए हैं। इनमें से सिर्फ 35 अभ्यर्थी ही दोषी पाए गए हैं। वहीं यदि कुल पदों की बात के जाए तो कुल 838 अभ्यर्थियों में से केवल 53 अभ्यर्थी की दोषी पाए गए हैं और 785 अभ्यर्थियों के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिला है। ऐसे में दोषी अभ्यर्थियों को अलग किया जा सकता है। महाधिवक्ता ने बताया कि छह मंत्रियों की सब कमेटी ने एसआईटी जांच को आगे बढ़ाने और समस्त दोषियों को गिरफ्तार करने, दोषी अभ्यर्थियों की सेवाएं समाप्त कर उन्हें आगामी भर्तियों के लिए अयोग्य घोषित करने और पर्याप्त पदों पर नई भर्ती कर उसमें आयु सीमा में छूट देने के साथ ही इस स्तर पर एसआई भर्ती को निरस्त नहीं करने की सिफारिश की है। कमेटी की इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री स्तर पर भी अप्रूव्ड किया जा चुका है। महाधिवक्ता ने बताया कि सांख्यिकी विभाग की ओर से की तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार पूर्व की भर्तियों की तुलना में इस भर्ती में किसी क्षेत्र विशेष से अधिक अभ्यर्थियों का चयन भी नहीं हुआ है। मामले में जांच सही दिशा में चल रही है। इसलिए अभी भर्ती को रद्द करना जल्दबाजी होगी। दूसरी ओर सफल अभ्यर्थियों की ओर से सीनियर एडवोकेट आरएन माथुर ने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी के निर्णय के बाद अब याचिका सारहीन हो गई है। इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाए और याचिकाकर्ता चाहे तो सब कमेटी के इस निर्णय को अलग से याचिका दायर कर चुनौती दे सकते हैं। वहीं याचिकाकर्ता के सीनियर एडवोकेट आरपी सिंह ने कहा की सरकार प्रकरण को किसी भी तरह से टालना चाहती है। अदालत ने सभी पक्षों की बहस सुनकर मामले के अंतिम निस्तारण के लिए 7 जुलाई को सुनवाई तय की है।
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(Udaipur Kiran)
