
एसडीएम को सौंपी गई जांच
पलवल, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । पलवल जिले के हसनपुर बीडीपीओ कार्यालय में हुए करोड़ाें के बहुचर्चित घोटाले में एक नया मोड़ आया है। डराना गांव के सरपंच रॉकी को जिला उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने मंगलवार काे निलंबित कर दिया है। सरपंच पर आरोप है कि उन्होंने कार्यालय के लिपिक के साथ मिलकर सरकारी बजट में घोटाला किया और 53 हजार रुपये अपने निजी खाते में डलवाए।
जांच की कमान अब एसडीएम पलवल को सौंपी गई है, जो इस घोटाले की तह तक जाकर दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। चार महीने पहले ही इस मामले में कई अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें हसनपुर बीडीपीओ कार्यालय के लिपिक राकेश, होडल खजाना कार्यालय का कर्मचारी सतपाल और विकास एवं पंचायत विभाग, चंडीगढ़ से सेवानिवृत्त अनुभाग अधिकारी शमशेर सिंह शामिल हैं। जांच के दौरान शमशेर सिंह के आवास से 3.65 करोड़ रुपये नकद और भारी मात्रा में जेवरात भी बरामद किए गए थे, जिससे घोटाले की गंभीरता और गहराई सामने आई थी।
डराना गांव के निवासी हरवीर ने 10 जून 2025 को शिकायत देकर इस पूरे मामले का खुलासा किया। शिकायत में आरोप लगाया गया कि सरपंच रॉकी और लिपिक राकेश की मिलीभगत से फर्जी बिलों के जरिए निजी एजेंसियों को भुगतान किया गया और सरकारी खजाने से सीधे 53 हजार रुपये सरपंच के खाते में ट्रांसफर कराए गए।
जिला उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सरपंच को निलंबित करते हुए खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) हसनपुर को निर्देश दिए हैं कि सरपंच से चल-अचल संपत्ति का चार्ज लेकर बहुमत प्राप्त पंच को सौंपा जाए। डीसी ने मामले की नियमित जांच के लिए उपमंडल अधिकारी (ना.) पलवल को जांच अधिकारी नियुक्त किया है, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिल सके।
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(Udaipur Kiran) / गुरुदत्त गर्ग
