
प्रयागराज, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना के मुख्यालय केंद्रीय कमान और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बीच मंगलवार को एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। जो राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीतिक नीति, अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग की एक नई शुरुआत का संकेत देता है।
यह एमओयू मेजर जनरल राजेश भट, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, पूर्वी यूपी एवं एमपी सब एरिया द्वारा मुख्यालय केंद्रीय कमान की ओर से तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर आशीष खरे द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। समारोह में इविवि की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव उपस्थित रहीं। हस्ताक्षर के पश्चात् मेजर जनरल और कुलपति के बीच औपचारिक फोल्डर विनिमय हुआ, जो इस संस्थागत साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक था।
यह शैक्षणिक सहयोग रणनीतिक नीति निर्माण, संघर्ष प्रबंधन, शांति प्रयासों, आपदा प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी और मोबाइल नेटवर्क सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में आपसी आदान-प्रदान के लिए एक मजबूत मंच तैयार करने का उद्देश्य रखता है। यह एमओयू भारतीय सशस्त्र बलों के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर और पीएचडी शोध कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है।
समझौते के अनुसार, प्रतिवर्ष पांच स्नातकोत्तर सीटें (मेजर और उससे ऊपर के अधिकारियों हेतु) और चार पीएचडी सीटें (कर्नल और उससे ऊपर के अधिकारियों हेतु) आरक्षित की गई हैं। विश्वविद्यालय रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर संयुक्त अनुसंधान, संगोष्ठियों, सम्मेलनों और शोध पत्रों के प्रकाशन को भी प्रोत्साहित करेगा।
एमओयू के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक समन्वय समिति गठित की गई है, जो दीर्घकालिक शैक्षणिक और रणनीतिक रोडमैप तैयार करेगी। यह समझौता शैक्षणिक उत्कृष्टता और सैन्य विशेषज्ञता के समन्वय के माध्यम से राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने और संस्थागत विकास को बढ़ावा देने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह जानकारी भारतीय सेना के पीआरओ ने देते हुए बताया कि यह साझेदारी अकादमिक अनुसंधान और नीति-निर्माण के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय विमर्श को समृद्ध करना और भारत की सुरक्षा तथा विकास से जुड़े क्षेत्रों में मानव संसाधन विकास में योगदान देना है।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
