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प्रियदर्शिनी मट्टू रेप-मर्डर केस में एसआरबी के आदेश को हाई कोर्ट ने किया खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रियदर्शिनी मट्टू रेप और मर्डर केस के आरोपित संतोष कुमार सिंह को समय से पहले रिहाई की अनुमति नहीं देने के सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) के फैसले को निरस्त कर दिया है। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता में सुधार की गुंजाइश है, इसलिए सेंटेंस रिव्यू बोर्ड इस पर नए सिरे से विचार करें। हाई कोर्ट ने 23 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट ने कहा कि सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने संतोष की मानसिक स्थिति का आकलन करने के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह नहीं ली। ऐसे में किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति को लेकर कोई भी नतीजे पर पहुंचना मुश्किल है। संतोष ने 2023 में याचिका दायर किया था। संतोष ने सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

हाई कोर्ट ने 2019 में संतोष को लाॅ (एलएलएम) की परीक्षा में शामिल होने के लिए पैरोल दी थी। प्रियदर्शिनी मट्टू के साथ जनवरी, 1996 में रेप और हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था। वो दिल्ली यूनिवर्सिटी में लॉ की छात्रा थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने संतोष को 3 दिसंबर, 1999 को बरी कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उसे 27 अक्टूबर, 2006 को दोषी करार दिया था। हाई कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आराेपित संतोष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई थी, लेकिन फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

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