
लखनऊ, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । एक जुलाई राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमारे समर्पण, सेवा और मानवीय संवेदनाओं को सम्मानित करने का प्रतीक है। डॉक्टर केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह जीवन रक्षा और सेवा का संकल्प है। यह बातें किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के आकस्मिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. हैदर अब्बास ने मंगलवार काे कही।
डा. हैदर अब्बास ने (Udaipur Kiran) से बातचीत में कहा कि आकस्मिक चिकित्सा विभाग में हम हर क्षण ऐसे निर्णय लेते हैं जो किसी के जीवन को पुनः दिशा दे सकते हैं। हमारी टीम न केवल विज्ञान और तकनीक पर निर्भर करती है बल्कि हर रोगी के साथ मानवीय संवेदना और करुणा को भी समान रूप से महत्व देती है।
डॉक्टर्स डे उन अनगिनत प्रयासों की याद दिलाता है जो हर डॉक्टर दिन-रात, छुट्टी और विश्राम से परे जाकर करता है ताकि एक जीवन और एक परिवार सुरक्षित रह सके। इस विशेष अवसर पर मैं सभी चिकित्सकों, मेडिकल छात्रों, नर्सों और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हर व्यक्ति को नमन करता हूं, जो अपने कर्तव्यों को सेवा के रूप में निभा रहे हैं। आइए हम सब मिलकर इस महान पेशे की मर्यादा को बनाए रखें और समाज को स्वस्थ, सशक्त और जागरूक बनाए रखने में अपना योगदान देते रहें।
केजीएमयू ने चिकित्सकों के साथ-साथ संस्थान की साख बढ़ाई
केजीएमयू के जनरल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डा. के.के.सिंह मरीजों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। वह केजीएमयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष के साथ-साथ केजीएमयू के प्रवक्ता हैं। उनके नेतृत्व में केजीएमयू ने शिक्षकों के साथ संस्थान की प्रतिष्ठा भी बढ़ाई है।
केजीएमयू के गैस्ट्रोएंटरोलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सुमित रूंगटा की मरीजों की प्रति प्रतिबद्धता जग जाहिर है। उनकी ओपीडी में मरीजों की भरमार रहती है। केजीएमयू में गैस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग ही नहीं, डीएम गैस्ट्रोएंटरोलोजी पाठ्यक्रम शुरू कराकर भविष्य के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई है। इसके अलावा केजीएमयू में लिवर ट्रान्सप्लान्ट कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में डा. सुमित की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। साथ ही गरीब मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर उन्होंने नि:शुल्क उपचार सुनिश्चित किया है। गुरू गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा के माध्यम से नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में चिकित्सकों को लेकर नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगवाते हैं।
रोगियों की बचा रहे जान
राजधानी के डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल आफिसर डा. राहुल चौधरी इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए भगवान से कम नहीं हैं। शहर के अलावा बाहर से भी बड़ी संख्या में यहां मरीज आते हैं। शहर के मध्य होने के कारण इमरजेंसी में सबसे अधिक मरीज सिविल अस्पताल में ही पहुंचते हैं। इसके अलावा कई बार पुलिस लावारिश मरीजों को भी सिविल की इमरजेंसी में छोड़ जाती है। डा. राहुल चौधरी अपनी टीम के साथ मरीजों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं।————
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
