



– 90 दिवसीय जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री माेदी ने अपने संदेश में प्रदेशवासियों को दी बधाई
भोपाल, 30 जून (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम के जल संवर्धन और संचयन के कार्यों से जल गंगा संवर्धन अभियान को जन-आंदोलन बनते देखना सुखद अनुभूति है। भारत में आदिकाल से जल की वंदना होती आई है और हमारी संस्कृति में नदियों, कुओं, तालाबों और बावडियों को पूजनीय मानकर उनके संरक्षण की परम्परा रही है। इस विरासत को समृद्ध करते हुए ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ नदियों को निर्मल, अविरल और सदानीरा बनाने के लिए जन-जागरूकता की दिशा में एक प्रेरणादायी प्रयास रहा है। जन भागीदारी की शक्ति से ऊर्जित यह एक उत्कृष्ट अभियान बना, जिसमें मध्य प्रदेश के सामर्थ्यवान व प्रकृति प्रेमी साथियों का योगदान प्रशंसनीय रहा है। जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण में खंडवा की उपलब्धि लोगों को प्रेरित करेगी। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के समापन अवसर पर जारी अपने संदेश में कही। उन्होंने मुख्यमंत्री सहित प्रदेशवासियों को इस सफलता के लिये बधाई भी दी। इस अवसर पर प्रदेशवासियों, विशेषत: जलदूतों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं और किसानों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिये 90 दिन तक चले जल गंगा संवर्धन अभियान में जन-भागीदारी से हुए कार्यों को ऐतिहासिक बताते हुए प्रदेशवासियों को उनके योगदान के लिये धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 30 मार्च को गुड़ीपड़वा से आरंभ हुए जल गंगा संवर्धन अभियान का सोमवार को खण्डवा में समारोहपूर्वक समापन हुआ। इस दौरान वॉटर शेड सम्मेलन भी आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने समारोह में 1568 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास के तहत पंचायतों में हुए 578 करोड़ की लागत से 57,207 कार्यों का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने वॉटर-शेड विकास घटक के अंतर्गत प्रदेशभर के 888 जल संरक्षण कार्यों का लोकार्पण और खण्डवा जिले की जावर माइक्रो सिंचाई परियोजना एवं तीन अन्य सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान प्रदेश की जीर्णोद्धार की गई 74 जल संरचनाओं का लोकार्पण भी हुआ। समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भेजे गये संदेश का वाचन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि पर्यावरण के साथ जुड़ाव और भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ व सुंदर धरा सुनिश्चित करने का हमारा संकल्प जन-जन के भागीरथ प्रयासों से ही संभव हो पाएगा। इस कड़ी में ‘वॉटरशेड सम्मेलन’ का आयोजन जल संरक्षण के क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के अनुभव साझा करने और हर स्तर पर जल प्रबंधन की रणनीतियों को सशक्त करने का माध्यम बनेगा। ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में 30 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर फलोद्यान विकसित करने की योजना, मातृभक्ति-पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण को एक साथ जोड़ने की सराहनीय पहल है। यह कार्यक्रम नदियों के किनारे हरियाली बढ़ाने और भू-जल स्तर सुधारने में सहायक सिद्ध होगा।
पिछले एक दशक में विभिन्न योजनाओं में जल संरक्षण से जुड़े पहलुओं को अभूतपूर्व प्राथमिकता दी गई है। नमामि गंगे मिशन हो, केन-बेतवा लिंक परियोजना हो या नर्मदा-क्षिप्रा पुनर्जीवन की पहल, हम जल संरक्षण व पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए कृतसंकल्पित हैं। जल संरक्षण आज हमारी सामाजिक और आर्थिक जरूरत भी है, क्योंकि जल संरक्षित रहेगा तो हमारे किसान खुशहाल रहेंगे, उद्योग चलेंगे और सभी प्राणियों का जीवन सुरक्षित रहेगा। अमृतकाल में एक भव्य व विकसित भारत के निर्माण की ओर अग्रसर हमारे प्रयासों को देश की सामूहिकता की शक्ति एक नई ऊंचाई देगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि वर्षा ऋतु में जल संरक्षण व वृक्षारोपण के लिए देशवासियों के प्रयास देश की उन्नति में सहायक होंगे।
इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री कुंवर विजय शाह, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, प्रभारी मंत्री धर्मेन्द्र लोधी, पंचायत और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह, सांसद ज्ञानेश्वर पटेल, विधायक अर्चना चिटनीस, संत दादा गुरु सहित क्षेत्र के नगरीय निकायों और पंचायतों के पदाधिकारी उपस्थित थे।———————————-
(Udaipur Kiran) तोमर
