
नैनीताल, 30 जून (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर जनपद के कांडा तहसील क्षेत्र में अवैध खड़िया खनन से प्रभावित गांवों में भूस्खलन, दरारें और जनजीवन के संकट से जुड़ी समस्या पर स्वतः संज्ञान लेते हुए दर्ज की गई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई की तिथि 4 जुलाई तय की है। यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष हुई।
कांडा तहसील के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर बताया था कि अवैध खड़िया खनन से उनकी खेतीबाड़ी, घर, पानी की लाइनें चौपट हो चुकी हैं। वहां 147 खड़िया की खदान हैं। वहां पर पोकलैंड जैसी भारी मशीनों से खनन हुआ है। जिससे वहां दरारें आई हैं। पत्र में बताया गया है कि सक्षम लोगों ने तो अपने मकान हल्द्वानी व अन्यत्र बना लिए लेकिन निर्धन लोग यहीं रह कर त्रासदी भुगतने को मजबूर हैं। उनके जो भी आय के साधन थे उन पर भी खड़िया खनन वालों की नजर टिकी हुई है। इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों को प्रत्यावेदन भी दिए लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं निकला। इसलिए वे लोग अब न्यायालय में आए हैं कि उनकी समस्या का समाधान किया जा सके।
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(Udaipur Kiran) / लता
