Jharkhand

जगन्नाथपुर मेला बना ग्रामीणों की खुशी का केंद्र, जमकर लाेगाें ने की खरीदारी

मेले की फाइल फोटो

रांची, 29 जून (Udaipur Kiran) । जगन्नाथपुर रथ मेला का तीसरा दिन रविवार को बारिश और बदले मौसम के बावजूद उमंग-उत्साह से सराबोर रहा। छुट्टी का दिन होने के कारण मेला में भारी भीड़ उमड़ी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग पारिवारिक टोली बनाकर मेले में पहुंचे। महीनों से इस मेले का इंतजार कर रहे लोगों ने कहा कि रथ मेला हमारे जीवन की परंपरा से जुड़ा उत्सव है, इसके लिए हम सालभर बचत करते हैं।

मेले में झूले, रंग-बिरंगे बैलून और तरह-तरह के खिलौनों ने बच्चों को खूब रिझाया, वहीं फास्ट फूड स्टॉल्स पर स्वाद के दीवानों की भीड़ लगी रही। यह मेला केवल मनोरंजन ही नहीं, परंपरागत खरीदारी का भी बड़ा केंद्र है। रामनवमी की तैयारी की बात सोचकर कई युवाओं ने तलवार, त्रिशूल जैसे प्रतीकात्मक हथियार खरीदे। ग्रामीण महिलाएं बैंठी, चाकू आदि जरूरी घरेलू वस्तुओं की खरीदारी में जुटी रहीं। लाेग मेले में जमकर खरीदारी करते देखे गये।

इस बार बंगाल से आए मछली पकड़ने के जाल खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

दुकानदार ने बताया कि जाल की क्वालिटी बेहतरीन है। मछुआरों ने इसे हाथों-हाथ लिया। उन्होंने अगली बार और अधिक मात्रा में जाल लाने की बात कही।

मेले की एक अन्य खास बात रही कि यहां मांदर, नगाड़ों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों का समृद्ध प्रदर्शन, जिसे ग्रामीणों ने बड़े उत्साह से खरीदा। लोगों ने बताया कि गांव में उत्सव के मौके पर ये वाद्य यंत्र आज भी जीवंत संस्कृति का हिस्सा हैं।

कांके निवासी रविन्द्र कुमार ने बताया कि बचपन से यहां आ रहा हूं। पहले अपने पिता के साथ आता था। अब अपने बेटे काे लेकर आये है। कुमार ने बताया कि रथ मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह ग्रामीण संस्कृति, परंपरा और लोक उत्सव का जीवंत संगम है।

वहीं दूसरी ओर मेला परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है। सादे लिबास में भी महिला और पुरुष बल काे लगाया गया है। सीसीटीवी से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। हटिया डीएसपी पीके मिश्रा लगातार सुरक्षा की मानिटरिंग करते देखे गये।

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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar

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