
धमतरी, 29 जून (Udaipur Kiran) । धमतरी जिले में लगातार दो दिन से हो रही रिमझिम वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालांकि यह लगातार वर्षा जिले के चारों बांध के लिए अपर्याप्त है। बांधों को तेज वर्षा का इंतजार है। बहरहाल धीमे-धीमे हो रही वर्षा से किसानी में तेजी आ गई है।
आषाढ़ माह में सिर्फ हल्की बारिश हो रही है। ऐसे में रोपाई करने वाले किसानों के सूखे खेतों और जिले के सूखते चारों बांधों को झमाझम बारिश होने का इंतजार है, ताकि खेतों और बांधों की प्यास साथ-साथ बुझ सके। खेती-किसानी के लिए अब झमाझम बारिश होने का इंतजार है, ताकि वे समय पर खरीफ सीजन के लिए खेतों में धान फसल की रोपाई कर सके।
अंचल में आषाढ़ माह का पखवाड़े भर का समय बीत चुका है। अब तक झमाझम बारिश एक बार भी नहीं हुई है। अधिकांश दिन हल्की बारिश से निकल रहा है। ऐसे में किसानों के सूखे खेतों और सूखे बांधों की प्यास नहीं बुझ पा रही है इसलिए खेतों और बांधों की प्यास बुझाने के लिए अब झमाझम बारिश होने का इंतजार है, ताकि खेती-किसानी के कार्याें में तेजी आ सके। संतोषप्रद बारिश नहीं होने से किसान अपने खेतों में सिंचाई पानी के बगैर रोपाई नहीं करा पा रहे हैं, क्योंकि कई किसानों के खेतों में नर्सरी तैयार हो चुका है, अब ऐसे किसानों को झमाझम बारिश होने का इंतजार है, ताकि वे समय पर खेतों में रोपाई कर सके। हल्की बारिश से बोता कार्याें में तेजी है, इन किसानों को भी पौधों के बड़े होने के लिए अच्छी बारिश होने का इंतजार है।
गंगरेल बांध में सिर्फ 7.799 टीएमसी उपयोगी जल
जिले के प्रमुख गंगरेल बांध में वर्तमान में सिर्फ 12.870 टीएमसी जलभराव है, इसमें से 7.799 टीएमसी उपयोगी जल है। जबकि आषाढ़ माह के पखवाड़े पूरे होने के बाद भी इन बांधों में बारिश से पानी की आवक अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, ऐसे में बांधों को भी झमाझम बारिश होने का इंतजार है। मुरूमसिल्ली बांध सूखा हुआ है। वनांचल क्षेत्र में हल्की बारिश से इस बांध में सिर्फ 278 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। इस बांध को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत है। वहीं दुधावा बांध में सिर्फ दो टीएमसी जलभराव है तथा सोंढूर बांध में 1.818 टीएमसी जलभराव है, जो बांधों की क्षमता के अनुसार जलभराव काफी कम है। इस तरह जिले के सभी बांधों की प्यास बुझाने के लिए झमाझम बारिश होने का इंतजार है, ताकि बांधों की प्यास बुझ सके।
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(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
