HimachalPradesh

गिरी नदी किनारे करोड़ों से बना विरासती पार्क ताले में कैद, तीन विधानसभा क्षेत्रों की उम्मीदों पर ताला

नाहन, 28 जून (Udaipur Kiran) । नेशनल हाईवे-707 पर गिरी नदी के किनारे करोड़ों की लागत से बना एक भव्य विरासती पार्क विभागीय लापरवाही का शिकार हो गया है। यह पार्क ना केवल प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि तीन विधानसभा क्षेत्रों पांवटा साहिब, शिलाई और श्री रेणुका जी की जनता के लिए सौगात था।

इस पार्क का उद्घाटन स्वयं विधानसभा उपाध्यक्ष ने किया था। इसकी खास बात यह थी कि यह तीनों विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं पर स्थित है, जिससे सभी क्षेत्रों के पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को इसका सीधा लाभ मिलना था। यहां तक कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के निर्वाचन क्षेत्र के लोग भी इससे लाभान्वित होने वाले थे। लेकिन अफसोस की बात है कि उद्घाटन के बावजूद यह पार्क आज भी ताले में कैद पड़ा है।

पार्क को अत्याधुनिक सुविधाओं से सजाया गया फुटपाथ, बैठने की व्यवस्था, हरियाली और स्थानीय विरासत को दर्शाती भित्तियों के साथ। यह एक आदर्श पर्यटन स्थल और हेरिटेज प्वाइंट बन सकता था, लेकिन वन विभाग के लापरवाह रवैये और अफसरशाही की सुस्ती के कारण आज यह एक वीरान शोपीस बनकर रह गया है।

रोजाना सैकड़ों पर्यटक यहां पहुंचते हैं, लेकिन बंद गेट और ताले को देख कर निराश लौट जाते हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन न कोई जवाब मिला, न कोई हल।

अब सवाल उठता है कि जब करोड़ों की लागत से यह पार्क बना और खुद विधानसभा उपाध्यक्ष ने इसका उद्घाटन किया, तो इसे जनता के लिए खोलने में देरी क्यों? क्या यह अधिकारियों की नालायकी नहीं, जो सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर नाकाम बना रही है?

सरकारें जब हर मंच पर पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन विकास और रोजगार के वादे करती हैं, तो ऐसी परियोजनाओं की बर्बादी उनके वादों को कटघरे में खड़ा कर देती है।

जनता की मांग है कि मुख्यमंत्री और संबंधित विभाग तुरंत संज्ञान लें, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करें और इस बहुप्रतीक्षित पार्क को आम जनता के लिए खोला जाए, ताकि तीनों विधानसभा क्षेत्रों के लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकें और यह करोड़ों की योजना शोपीस नहीं, पहचान बन सके।

—————

(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

Most Popular

To Top