Uttar Pradesh

भारतीय स्टार्टअप्स की वैश्विक बाज़ार में पहुंच काे लेकर आईआईटी कानपुर में हुआ संवाद

कार्यक्रम के दौरान लिया गया छाया चित्र

कानपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । एसआईआईसी में हमारा उद्देश्य नवाचार को कार्यान्वयन से जोड़ना है। जिससे विचारों को ऐसे उत्पादों में बदला जा सके जो व्यावसायिक रूप से बाज़ार के लिए तैयार हों। हमारे परिसर में बीआईएस की उपस्थिति स्टार्टअप्स को यह दृष्टिकोण देती है कि मानक कोई बाधा नहीं, बल्कि एक सहायक उपकरण और लॉन्चपैड हैं। एसआईआईसी को गर्व है कि वह देश के उन केवल चार इनक्यूबेशन सेंटर्स में से एक है। जिसे इस स्तर पर मान्यता प्राप्त है। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसे हम अत्यंत मूल्यवान मानते हैं। यह बातें शुक्रवार को प्रो. दीपू फिलिप ने कही।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) में गहन-प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तकों, प्रारंभिक और विकास चरण के स्टार्टअप्स तथा बीआईएस नेतृत्व को एक साथ लाकर, भारत की नवाचार यात्रा में मानकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर सार्थक संवाद किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य भारतीय मानक स्टार्टअप्स के व्यावसायीकरण को तेज़ करने गुणवत्ता सुनिश्चित करने और वैश्विक बाज़ार तक पहुँचने में सहायक होना था।

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्टार्टअप्स ने बीआईएस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल, एग्रीटेक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग, रक्षा एवं एयरोस्पेस, तथा स्वच्छ प्रौद्योगिकी (क्लीनटेक) सहित विभिन्न क्षेत्रों में मानकीकरण रूपरेखाओं का अन्वेषण किया।।

नॉलेज शेयरिंग सेशन के दौरान भारतीय मानक ब्यूरो की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की गई। जिसमें इसके प्रमुख कार्यों—जैसे मानक निर्माण, उत्पाद प्रमाणन, हॉलमार्किंग और प्रणाली प्रमाणन—पर प्रकाश डाला गया। इस सत्र में बीआईएस की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति, प्रयोगशाला परीक्षण, उपभोक्ता संरक्षण तथा मानक शिक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया गया।

बीआईएस के बारे में

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) देश का राष्ट्रीय मानक निकाय है। जो मानकीकरण, चिन्हांकन और गुणवत्ता प्रमाणन के समन्वित विकास के लिए उत्तरदायी है। बीआईएस नवाचार को सक्रिय रूप से समर्थन देता है। साथ ही उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करता है और विभिन्न क्षेत्रों में उद्योग की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को बढ़ावा देता है।

स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के बारे में

साल 2000 में स्थापित आईआईटी कानपुर में स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर सबसे शुरुआती प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटरों में से एक है। वर्ष 2018 में इनक्यूबेटर के संचालन को आईआईटी कानपुर द्वारा प्रवर्तित सेक्शन-8 कंपनी, फाउंडेशन और रिसर्च एंड इनोवेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के तहत लाया गया था। पिछले दो दशकों में इस गतिशील इनक्यूबेशन इकोसिस्टम ने कॉन्सेप्ट से लेकर व्यावसायीकरण तक सभी जरूरी फेज़ को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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