Jammu & Kashmir

एबीवीपी जम्मू कश्मीर ने 225 उत्कृष्ट खिलाड़ियों की गैर-राजपत्रित सूची और नियुक्तियों को जारी करने में देरी की कड़ी निंदा की है

एबीवीपी जम्मू कश्मीर ने 225 उत्कृष्ट खिलाड़ियों की गैर-राजपत्रित सूची और नियुक्तियों को जारी करने में देरी की कड़ी निंदा की है

जम्मू , 27 जून (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जम्मू कश्मीर ने 225 उत्कृष्ट खिलाड़ियों की गैर-राजपत्रित सूची और नियुक्तियों को जारी करने में देरी की कड़ी निंदा की है, जबकि भर्ती नियमों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और 4 अक्टूबर, 2024 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया जा चुका है। यह देरी न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि इन खिलाड़ियों के अधिकारों और सम्मान का स्पष्ट उल्लंघन भी है जो बहुत लंबे समय से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। इन खिलाड़ियों की भर्ती प्रक्रिया 12 वर्षों से अधिक समय से चल रही है और यह देखना निराशाजनक है कि मेरिट सूची के प्रकाशन सहित सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद चयन सूची अभी तक जारी नहीं की गई है।

खिलाड़ी अपनी नियुक्ति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और देरी से उन्हें भारी आर्थिक संकट और भावनात्मक उथल-पुथल का सामना करना पड़ रहा है। सन्नक श्रीवत्स, राज्य सचिव एबीवीपी जम्मू कश्मीर 225 खिलाड़ियों की गैर-राजपत्रित सूची और नियुक्तियों को जारी करने में देरी की कड़ी निंदा करते हैं। हम प्रशासन से जनहित को प्राथमिकता देते हुए तत्काल कार्रवाई करने और बिना किसी देरी के सूची और नियुक्तियाँ जारी करने की मांग करते हैं। लंबा इंतजार खिलाड़ियों के अधिकारों और सम्मान का स्पष्ट उल्लंघन है और हम अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे उनके अधिकारों की रक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई करें और उन्हें वह मान्यता प्रदान करें जिसके वे हकदार हैं। एबीवीपी जम्मू कश्मीर अराजपत्रित सूची को तत्काल जारी करने की मांग करता है, क्योंकि इन पदों के लिए चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

संगठन का मानना ​​है कि सूची जारी करने में देरी का कोई औचित्य नहीं है और यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि बिना किसी देरी के नियुक्तियां की जाएं। एबीवीपी जम्मू कश्मीर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की भी मांग करता है। संगठन का मानना ​​है कि भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और योग्यता आधारित होनी चाहिए और खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। संगठन अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता है कि भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित की जाए और नियुक्तियां योग्यता के आधार पर की जाएं। नियुक्तियों के लिए लंबा इंतजार खिलाड़ियों के अधिकारों और सम्मान का स्पष्ट उल्लंघन है।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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