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पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ निकली भगवान जगन्नाथ की 58वीं रथ यात्रा

महाप्रभु जगन्नाथ की 58वीं रथयात्रा की तस्वीर

नई दिल्ली, 27 जून (Udaipur Kiran) । महाप्रभु जगन्नाथ की 58वीं रथयात्रा शुक्रवार को त्यागराज नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ निकली।

उत्सव की शुरुआत सुबह साढ़े 4 बजे मंगल आरती के साथ हुई।

महाप्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा को पहंडी बिजे भी कहा जाता है जो सुबह 11.30 बजे शुरू हुआ। इस अनुष्ठान के तहत चारों देवताओं महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा और सुदर्शन को मंदिर के पुजारियों ने अपने कंधे पर सवार करके रथ पर स्थापित किया। फिर रथ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से जगन्नाथ मार्ग (भव्य प्रांगण), आईएनए मार्केट, कश्मीर मार्केट, आईएनए मेट्रो स्टेशन, राज्यसभा कर्मचारी आवासीय परिसर से होकर वापस मौसी मां मंदिर पहुंची, जिसे विशेष रूप से त्यागराज नगर सरकारी कर्मचारी आवासीय परिसर के परिसर में बनाया गया था।

इस वर्ष की रथयात्रा का एक आकर्षण ओडिशा सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा नियुक्त “घंटालों” का एक समूह था, जो बहुत ही आकर्षक शैली में घंटियां बजाते हुए चल रहे थे।

इस उत्सव में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, लोकसभा सांसद बांसुरी स्वराज सहित कई लोग मौजूद रहे।

मंदिर के संरक्षक सुधाकर महापात्रा ने बताया कि रथ खींचने के लिए शहर के करीब 50 हजार भक्त शामिल हुए। इस अवसर पर दिल्ली पुलिस के निर्देश और पर्यवेक्षण के अनुसार सुरक्षा के व्यापक और पर्याप्त प्रबंध किए गए थे। सीसीटीवी, मोबाइल कैमरे, आग बुझाने वाले सिलेंडर, दो सुसज्जित एम्बुलेंस और दो डॉक्टर आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मौजूद थे।

उन्होंने बताया कि त्यागराज नगर स्थित मंदिर दिल्ली और एनसीआर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जो पिछले 57 वर्षों से हर साल नियमित रूप से रथ यात्रा का उत्सव मनाता आ रहा है। मंदिर में भगवान जगन्नाथ से जुड़े सभी अनुष्ठान पुरी धाम में महाप्रभु जगन्नाथ के मुख्य मंदिर में किए जाने वाले अनुष्ठानों के अनुरूप मनाए गए।

रथयात्रा के.डी. बिस्वाल- महासचिव, डी.एन. साहू- उपाध्यक्ष, प्रद्युम्न पलई- संयुक्त सचिव, यश अग्रवाल- संयुक्त सचिव की देखरेख में पूरी हुई और अन्य पदाधिकारियों में प्रणति बिस्वाल, प्रदीप प्रधान, महेंद्र बारिक, ज्ञान रंजन नायक, बिजयानंद सामल, अभय पलई, रमाकांत स्वैन, शंभुनाथ अग्रवाल शामिल थे।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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