

मीरजापुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । मां विंध्यवासिनी की नगरी में गुप्त नवरात्र का दूसरा दिन भी भक्तिभाव और साधना की ऊर्जा से सराबोर रहा। देश के कोने-कोने से आए साधकों ने गुरुवार से शुरू हुए इस विशेष अनुष्ठान के तहत शुक्रवार को भी मां के त्रिकोण शक्तिपीठों विंध्यवासिनी, अष्टभुजा और कालीखोह में कठिन साधना में दिन व्यतीत किया। जहां एक ओर साधक देवी के दस महाविद्याओं की आराधना में तल्लीन हैं, वहीं श्रद्धालु भी भारी संख्या में मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के लिए विंध्यधाम पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रांगण में सुबह से ही दर्शन के लिए लंबी कतारें देखी गईं।
त्रिकोण परिक्रमा पथ पर आध्यात्मिक माहौल मंदिर परिसर के साथ-साथ त्रिकोण परिक्रमा पथ पर साधकों की गूंजती मंत्रध्वनियां वातावरण को आध्यात्मिक बना रही हैं। कालीखोह मंदिर के गर्भगृह में साधकों ने विशेष रूप से मां काली की आराधना की। वहीं अष्टभुजा पहाड़ी पर चढ़ाई कर भक्तों ने मां के स्वरूप के दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया।
साधना और अनुशासन का अनोखा संगम साधक इस विशेष काल में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए रात्रि जागरण, हवन, काली साधना, दुर्गासप्तशती पाठ जैसे गुप्त अनुष्ठानों में संलग्न हैं। घाटों व मंदिरों के आस-पास साधना में लीन कई साधक मौन व्रत में दिखे। प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं व साधकों की सुविधा के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
देवी महाविद्याओं की उपासना गुप्त नवरात्र के अंतर्गत दस महाविद्याओं काली, तारा, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला की साधना की जा रही है। माना जाता है कि इन देवी स्वरूपों की आराधना से साधक सिद्धियों की प्राप्ति करते हैं।
प्रशासन सतर्क, श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण, पेयजल, चिकित्सा और प्रकाश व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए हैं। नगर पालिका द्वारा साफ-सफाई को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
