शिलांग, 27 जून (Udaipur Kiran) । प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन हिन्निउत्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के दो कैडरों ने बांग्लादेश स्थित ठिकाना छोड़ने के बाद मेघालय पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के पीछे संगठन के संचालन और वरिष्ठ नेतृत्व से असंतोष को कारण बताया गया है।
डीबेरियस जिरवा (32) और रिडोर लिंगदोह नोंगलाईट (30), दोनों ईस्टर्न वेस्ट खासी हिल्स जिला निवासी हैं। मेघालय पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि दोनों ने 20 जून को मैरांग के पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया। ये दोनों एक साल से अधिक समय से बांग्लादेश में सक्रिय थे।
पुलिस के अनुसार, दोनों की भर्ती शिलांग सिंडिकेट बस स्टैंड विस्फोट मामले में वांछित सैमुएल वाहलांग पाहसिनत्येव द्वारा की गई थी। पाहसिनत्येव पर यूएपीए और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
प्राथमिक पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्हें संगठन की विचारधारा के अनुरूप जिम्मेदारियों का वादा किया गया था, लेकिन वास्तविकता में उन्हें खेतों में मजदूरी जैसे साधारण कार्यों में लगा दिया गया, जो संगठन की घोषित गतिविधियों से मेल नहीं खाता।
करीब 15 महीनों तक वरिष्ठ एचएनएलसी कमांडरों के अधीन रहने के दौरान उनका मोह भंग बढ़ता गया, जिसके चलते उन्होंने बांग्लादेश से भागकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
वर्तमान में, दोनों को एक गोपनीय और सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। पुलिस यह तय कर रही है कि कानूनी रूप से आगे क्या कदम उठाए जाएं। अधिकारियों का मानना है कि उनकी जानकारी एचएनएलसी के ढांचे और गतिविधियों को समझने में सहायक हो सकती है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
