
लखनऊ, 27 जून (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आदेशित कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को पास वाले दूसरे विद्यालयों के साथ पेयरिंग करना, शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। सरकार के इस पेयरिंग वाले आदेश से हमारे गांव-गरीब, किसान-मजदूर और समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के नन्हे-मुन्हें बच्चे स्कूल दूर होने के कारण शिक्षा से वंचित होने का खतरा बना रहेगा। यह बातें अंतर जनपदीय स्थानान्तरण संघर्ष मोर्चा उप्र के संयोजक अजीत कुमार ने कही।
अजीत कुमार ने (Udaipur Kiran) से कहा कि विद्यालयों की पेयरिंग/युग्मन होने से प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों की संख्या घटेंगी। बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद समाप्त किए जाएंगे, देश के बड़ी संख्या में प्रतिभावान युवा शिक्षक की नौकरी पाने से वंचित हो जाएंगे और हमारे समाज में बेरोजगारी दर बहुत उच्च स्तर पर पहुंच जाएगी।
अंतरजनपदीय स्थानान्तरण संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश सरकार से विनम्र आग्रह करता है कि गांव-गरीब, किसान-मजदूर और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को ध्यान में रखते हुए विद्यालय पेयरिंग के अपने आदेश पर पुनर्विचार करे।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
