Uttar Pradesh

भारत देश केवल भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि एक संस्कृति का जीवंत अनुभव है : विनय पाठक

विश्वविद्यालय का प्रतिकात्मक फोटो

कानपुर, 26जून (Udaipur Kiran) । छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने ‘हिंदू अध्ययन’ (हिन्दू स्टडीज) कार्यक्रम की शुरुआत की है। एक ऐसा शैक्षणिक मंच जो छात्रों को भारत की सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हुए उन्हें भविष्य के लिए तैयार करता है। यह बातें गुरूवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने हिंदू अध्ययन कार्यक्रम के शुभारम्भ के दौरान कही।

कुलपति ने बताया कि यह कार्यक्रम आधुनिक शिक्षा पद्धति और पारम्परिक भारतीय ज्ञान-तंत्र का ऐसा समागम है, जहाँ छात्र केवल जानकारी नहीं, बोध प्राप्त करते हैं—आत्म-चिंतन, समाज-समझ और सनातन मूल्यों के साथ है। भारत को सदियों से एक ज्ञान की भूमि माना गया है। एक ऐसी सभ्यता जहाँ दर्शन, धर्म, संस्कृति और अध्यात्म ने मानव जीवन को एक उच्च उद्देश्य दिया।

प्रो. विनय पाठक ने कहा कि ऋषि-मुनियों ने वेदों, उपनिषदों और अन्य ग्रंथों के माध्यम से एक ऐसी ज्ञान-परंपरा विकसित की जो केवल भारत ही नहीं, पूरी मानवता के लिए मार्गदर्शक बनी। भारत एक ऐसी भूमि है जहाँ सहस्रों वर्षों से ज्ञान, धर्म, अध्यात्म और संस्कृति की परंपराएं विकसित होती रही हैं। यह देश केवल भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि एक संस्कृति का जीवंत अनुभव है। आज जब वैश्वीकरण, उपभोक्तावाद और तकनीकी विकास की आँधी में मानवीय मूल्य पीछे छूटते जा रहे हैं, तब भारत की इस सनातन परम्परा की ओर लौटना समय की माँग बन गई है।

हिंदू अध्ययन केवल किसी धर्म का अध्ययन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को जानने, समझने और जीने का प्रयास है। यह कार्यक्रम हमारे भीतर छिपी सांस्कृतिक चेतना को पुनः जाग्रत करता है और हमें अपने समाज और विश्व के प्रति उत्तरदायित्व पूर्ण बनाता है।

–कार्यक्रम का उद्देश्य• भारत की प्राचीन शास्त्रीय परम्परा, आध्यात्मिक ज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिक शिक्षण शैली के माध्यम से समझाना।

• विद्यार्थियों को हिन्दू दृष्टिकोण, दर्शन, धर्म, साहित्य, कला, और समाज की गहराई से पहचान कराना।

• प्राचीन शास्त्रों और समकालीन विमर्शों के मध्य संवाद स्थापित कराना।

• राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हिन्दू अध्ययन को एक सशक्त अकादमिक विषय के रूप में स्थापित करना।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

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