Madhya Pradesh

मप्रः जनजातीय अंचलों में आत्मनिर्भरता की नई इबारत- अब राशन भी गांव में, रोजगार भी गांव में

राशन भी गांव में, रोजगार भी गांव में”

भोपाल, 26 जून (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के जनजातीय बहुल अंचलों में एक समय ऐसा था जब गरीब और दूरस्थ गांवों के लोगों को राशन प्राप्त करने के लिए मीलों दूर शासकीय उचित मूल्य दुकान तक पैदल चलना पड़ता था। यह न केवल समय और श्रम की बर्बादी थी, बल्कि कई बार बुजुर्ग, महिलाएं और मजदूरी करने वाले लोग राशन लेने से वंचित रह जाते थे। इस जमीनी सच्चाई को बदलने की पहल बनी राज्य शासन की मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना ने उन गांवों को राहत दी, जहाँ उचित मूल्य दुकानें नहीं थीं और परिवारों को दूसरे गांवों में जाकर खाद्यान्न लेना पड़ता था।

इस तरह बदली तस्वीर

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना के तहत प्रदेश के 6575 आश्रित गांवों के करीब 7.13 लाख परिवारों को अब उनके ही गांव में राशन सामग्री मिलने लगी है। यह वितरण अनुसूचित जनजाति के चयनित हितग्राहियों द्वारा चलाए जा रहे वाहनों के माध्यम से होता है, जिससे दोहरा लाभ मिल रहा है – लोगों को राशन की सुविधा गांव में और युवाओं को स्वरोजगार।

प्रदेश के 20 जिलों के 89 जनजातीय विकासखंडों में 472 सेक्टर बनाए गए हैं, जहाँ बैंक ऋण और राज्य सरकार द्वारा 2 से 3 लाख रुपये तक की मार्जिन मनी दी जाती थी, इसकी सहायता से युवा वाहन के मालिक बने हैं। इन्हें प्रति माह एक मीट्रिक टन वाहन क्षमता के लिये 24,000 रूपये और 2 मीट्रिक टन वाहन क्षमता के लिये 31,000 रूपये निश्चित किराया भी दिया जा रहा है।

योजना के व्यापक लाभ

ग्रामीण क्षेत्रों में योजना से व्यापक लाभ हुआ है। ग्रामीणों को राशन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता। अब समय, श्रम और धन की बचत, युवा आदिवासियों को स्थायी स्वरोजगार, सामाजिक गरिमा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा और शासन की सेवाओं की सीधी पहुँच हो गई है। मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना न केवल राशन वितरण का साधन बनी है बल्कि यह जनजातीय वर्ग के युवाओं के सशक्तिकरण और ग्रामीण जीवन को सरल बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना जन-सेवा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मध्य प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता का सशक्त उदाहरण है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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