Assam

कांग्रेस के काले दिनों को न भूल सकते हैं, न लौटने देंगे: दिलीप सैकिया

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया।

गुवाहाटी, 26 जून (Udaipur Kiran) । 1975 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की 50वीं बरसी पर असम भाजपा ने अपने बयान में इसे भारतीय लोकतंत्र के सबसे काले अध्यायों में से एक बताया।

प्रदेश भाजपा द्वारा संविधान हत्या दिवस के रूप में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम की कड़ी में गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में आपातकाल की भयावहता पर आधारित एक विशेष जन प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने दीप प्रज्वलित कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर असम भाजपा अध्यक्ष और सांसद दिलीप सैकिया ने तीखा बयान देते हुए कहा, कांग्रेस द्वारा देश पर थोपे गए काले दिन कभी भूले नहीं जा सकते। हम कभी नहीं चाहेंगे कि वे दिन दोबारा लौटें। कांग्रेस और गांधी परिवार ने सत्ता बचाने के लिए भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला। राहुल गांधी जैसे नेता आज संविधान जेब से निकालकर नाटक करते हैं, जबकि इसी कांग्रेस ने संविधान को 109 में से 102 बार संशोधित कर उसकी आत्मा का गला घोंटा है।

प्रदेश भाजपा ने स्मरण कराया कि आपातकाल के दौरान असंख्य आम नागरिकों को जेल में डाला गया, मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए, मीडिया की आज़ादी कुचली गई, सरकारी संस्थाओं को नियंत्रित किया गया, जबरन नसबंदी की गई और राजनीतिक विरोधियों का दमन किया गया।

इस दर्दनाक दौर की 50वीं वर्षगांठ पर असम भाजपा ने उन लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया जो आपातकाल के दौरान कांग्रेस शासन की यातनाओं का शिकार हुए। सम्मानित किए गए कई सेनानियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे दिन फिर नहीं लौटें, यही उनकी प्रार्थना है।

उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मानित लोकत्रंत्र सेनानियों में शामिल हैं: बिपिन बिहारी कलिता, डॉ. राम चंद्र डेका, प्रांतोष रॉय, गुरुपद भौमिक, मनमोहन भराली, रंजन बोरा, सुभ्रत सरकार, तांसुख राठी, भास्कर कुलकर्णी, मनोज सराफ, तारावती शर्मा, गोविंद गोस्वामी, अजय दत्ता और महावीर स्वामी।

कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष और विधायक भट्टाचार्य के साथ ही बड़ी संख्या में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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