
शिमला, 26 जून (Udaipur Kiran) । आपातकाल के 50 साल पूरा होने पर केंद्र सरकार द्वारा मनाए जा रहे ‘संविधान हत्या दिवस’ की कड़ी में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरूवार को शिमला में मॉक पार्लियामेंट, संगोष्ठी और पौधारोपण कार्यक्रमों में भाग लिया। रिजिजू ने इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए कहा कि यह दिन पूरे देश को राजनीति से ऊपर उठकर याद रखना चाहिए, ताकि फिर कभी लोकतंत्र पर ऐसा हमला न हो।
रिजिजू ने कहा कि 1975 में एक परिवार की सत्ता बचाने के लिए पूरे देश पर आपातकाल थोपा गया, प्रेस की आज़ादी छीनी गई और नागरिक अधिकार कुचले गए। उन्होंने कहा कि आज वही नेता संविधान की दुहाई दे रहे हैं, जिन्होंने स्वयं बाबा साहेब अंबेडकर के बनाए संविधान को कुचलने का काम किया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दिन सिर्फ राजनीति का विषय नहीं है बल्कि लोकतंत्र की चेतना को जीवित रखने का प्रतीक है। आज हम इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रहे हैं ताकि देश की नई पीढ़ी इस ऐतिहासिक भूल को न भूले।
हिमाचल प्रवास के बारे में जानकारी देते हुए रिजिजू ने कहा कि वे तीन दिन के दौरे पर प्रदेश में हैं और जनजातीय लाहौल-स्पीति क्षेत्र में खेल सुविधाओं सहित करोड़ों की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। चंबा, सिरमौर और ऊना जिलों में भी खेल और युवा कल्याण की योजनाएं लाई जाएंगी।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और बुनियादी ढांचे के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन मोदी सरकार ने बॉर्डर इलाकों में मजबूत सड़कों के साथ चहुंमुखी विकास को प्राथमिकता दी है।
प्रदेश सरकार से सहयोग पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू से भेंट कर केंद्र की योजनाओं में राज्य सरकार के सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने यह भी कहा कि सियासी मजबूरी में मुख्यमंत्री केंद्र की मदद न मिलने का बयान दे रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार हिमाचल की हरसंभव मदद कर रही है।
वक्फ बोर्ड संशोधन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मुसलमानों के खिलाफ नहीं है बल्कि वक्फ के असीमित अधिकारों को संतुलित करने वाला एक संवैधानिक कदम है जिससे मुस्लिम समाज को ही लाभ मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
