
बिलासपुर, 26 जून (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ में करोड़ों के कथित शराब घोटाला में मामले में आरोपित कारोबारी विजय भाटिया को हाइकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई। शराब कारोबारी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आपराधिक मामले में रिट याचिका लगाई थी। इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में गुरुवार को सुनवाई हुई। कारोबारी विजय भाटिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने पक्ष रखा। जिसमें जांच एजेंसी एसीबी पर बिना समन के याचिकाकर्ता विजय भाटिया को गिरफ्तार करने की बात रखी गई। इसके अलावा गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े किए।
कोर्ट में आरोपित के खिलाफ एफआईआर होने के बाद एक साल से ज्यादा समय बीतने कार्रवाई में देरी को लेकर एसीबी का अधिवक्ता सौरभ पांडे ने पक्ष रखा। इसके जवाब में अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में सबूत जुाटाने और करीब 300 गवाहों से पूछताछ की गई। जिसमें समय लगा। वही इस पिटीशन में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के माध्यम से रखी गई सभी बातों का कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि एनफोर्समेंट डायरेक्टेड ईडी ने एसीबी को पहले अभियुक्त से पूछताछ करने के बाद उसे 31 मई 2025 को 8.15 पर शाम को सौंपा और फिर 24 घंटे के बाद रायपुर में एक जून को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद इस याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
दरअसल कथित 2100 करोड़ से ज्यादा के शराब घोटाले ईओडब्ल्यू ने राज्य के बड़े कारोबारी विजय भाटिया को बीते 31 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया। कहा जा रहा था है कि विजय अपने परिवार वालों के साथ ब्राजील जाने वाला था। इससे पहले ही उसे गिरफ्तार किया गया। वहीं रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश कर सात दिन की ईओडब्ल्यू ने रिमांड मांगी, लेकिन चार दिन मिली। इसके बाद फिर शराब कारोबारी विजय भाटिया को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इस मामले को लेकर कोर्ट में कार्रवाई चल रही है। इस पूरे मामले में कहा जाता है ईडब्ल्यू ने जांच में पाया है कि भाटिया और बंसल के खाते से कांग्रेस के सीनियर नेताओं और उनके करीबी रिश्तेदारों के खातों में पैसे ट्रांजेक्शन का रिकार्ड मिला है। एसीबी-ईओडब्ल्यू इसी एंगल पर जांच कर रही है कि शराब घोटाले का पैसा किन किन लोगों और राजनेताओं तक पहुंचा है। इसी वजह से ईओडब्ल्यू ने पहले विजय भाटिया को गिरफ्तार किया। विजय अपने परिवार के साथ दिल्ली में था। कहा जाता है कि दिल्ली से कहीं विदेश भागने की तैयारी में था। जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू की जांच में पता चला है कि विजय ने विदेशी कंपनी की शराब सप्लाई कर 15 करोड़ से ज्यादा कमीशन लिया। घोटाले के पैसे प्रॉपर्टी में लगाए हैं। फिलहाल इसकी जांच चल रही है।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
