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हिमाचल में मानसून का कहर, धर्मशाला में बाढ़ से कई मजदूर बहे, कुल्लू में बादल फटने से तबाही, कई जिलों में अलर्ट जारी

शिमला, 25 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून ने बुधवार को भारी तबाही मचाई है। बीते 24 घंटों से हो रही मूसलधार बारिश के कारण कई क्षेत्रों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे बड़ी घटना कांगड़ा जिले के मुख्यालय धर्मशाला में सामने आई, जहां खनियारा की मणुणी खड्ड में बाढ़ आने से हाइड्रो प्रोजेक्ट में कार्यरत करीब 15 से 20 मजदूर बह गए। अब तक दो शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अन्य की तलाश जारी है।

धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने इस हृदय विदारक घटना की पुष्टि करते हुए इसे अत्यंत दुखद बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये मजदूर इंदिरा प्रियदर्शनी हाइड्रो प्रोजेक्ट के समीप खड्ड किनारे बने अस्थायी शेड में रह रहे थे। लगातार बारिश के कारण मणुणी खड्ड में अचानक जलस्तर बढ़ गया और मजदूर तेज बहाव में बह गए। उन्होंने कहा कि प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं।

अब तक जिन दो शवों को बरामद किया गया है, वे लूंटा और नगुणी क्षेत्र से मिले हैं। इनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन यह पुष्टि हुई है कि दोनों प्रवासी मजदूर हैं।

स्थानीय पंचायत की ओर से पहले ही हाइड्रो कंपनी द्वारा खड्ड में भारी मलबा डंप करने की शिकायत की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। एसडीएम धर्मशाला मोहित रत्न ने बताया कि घटना की जांच जारी है और लापता लोगों की तलाश प्राथमिकता पर है।

कुल्लू में बादल फटने से कई क्षेत्र प्रभावित

कुल्लू जिले में भी बुधवार को बादल फटने की कई घटनाएं दर्ज की गईं, जिनसे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सैंज घाटी, गड़सा, बंजार और मणिकर्ण क्षेत्र के ब्रह्मगंगा नाले में दोपहर बाद तेज बारिश के बाद अचानक बाढ़ आ गई। इससे नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे कई वाहन बह गए और पुलों-सड़कों को नुकसान पहुंचा।

अतिरिक्त उपायुक्त कुल्लू अश्वनी कुमार ने बताया कि सैंज का जीवनाला, गड़सा की शिलागढ़ घाटी और मनाली के स्रो गैलरी क्षेत्र में बादल फटने की पुष्टि हुई है। सैंज घाटी के मझान नाले और गड़सा घाटी के हुरला, पचा व मनिहार नालों में जलस्तर में भारी वृद्धि देखी गई है।

सबसे गंभीर क्षति बंजार उपमंडल के होरनगढ़ क्षेत्र में हुई, जहां एक पुल बह गया और एक वाहन बाढ़ में बह गया। चेहणी गांव में एक गोशाला पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है और एक प्राथमिक विद्यालय में पानी व मलबा घुस गया। इसके अलावा रैला बिहाल क्षेत्र में चार मकानों के क्षतिग्रस्त होने और तीन लोगों के बहने की सूचना है।

लाहौल-स्पीति जिले में भी भारी बारिश के चलते काजा से सुमदो तक कई स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने की अपील की है।

मौसम विभाग का अलर्ट, अगले छह दिन बेहद भारी

मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अगले छह दिन तक भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है। विभाग ने कांगड़ा, मंडी, शिमला और सोलन में 26 जून को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। चंबा, सिरमौर और कांगड़ा समेत पांच जिलों में फ्लैश फ्लड का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।

बीते 24 घंटों में सबसे अधिक बारिश कांगड़ा जिला के पालमपुर में 150 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा जोगिंदरनगर में 110 मिमी, नाहन और बैजनाथ में 90 मिमी, रेणुका में 80 मिमी, पांवटा में 60 मिमी और गोहर में 50 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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