


-निवृत्ति के बाद 26 जून की तड़के खुलेंगे मंदिर के कपाट
गुवाहाटी, 25 जून (Udaipur Kiran) । राजधानी गुवाहाटी के नीलाचल पहाड़ी पर स्थित मां कामाख्या मंदिर में अंबुबासी मेला 22 जून से शुरू हुआ है। 22 जून की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर प्रवृत्ति शुरू हुई थी। 26 जून को तड़के 3 बजकर 21 मिनट पर निवृत्ति अर्थात अंबुबासी महायोग का समापन होगा। 26 जून सुबह विशेष पूजा अर्चना के बाद भक्तों के लिए मंदिर का कपट खोल दिया जाएगा।
अब नीलाचल पहाड़ी पर देश-विदेश से आए अनगिनत भक्तों, साधु-संत की भीड़ उमड़ पड़ी है जो अंबुबासी के लिए एकत्रित हुए हैं । कामाख्या धाम में पहले से ही उत्सव का माहौल है। हजारों भक्त और पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। मां के दर्शन के लिए लोगों में काफी उत्साह है। मां के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ने लगा है। दर्शन के लिए रात से ही भक्तजनों की लंबी कतार मंदिर बाहर लगने लगी हैं। मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु मां का दर्शन-पूजन कर अपने घरों की प्रस्थान करेंगे।
असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित विश्व विख्यात शक्तिपीठ कामाख्या धाम 51 शक्तिपीठों में से एक है। हर साल इस मंदिर में अंबुबासी मेला का आयोजन होता है। जिसमें भाग लेने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। कामाख्या मंदिर के आसपास का माहौल गत 22 जून से भक्ति, मंत्रोच्चारण और पारंपरिक संगीत से पूरी तरह गूंज उठा है।
देश-विदेश से आए श्रद्धालु, साधु-संत, तांत्रिक और आम लोग अपनी अपनी मनोकामना लेकर यहां पहुंचे हैं। सब मां का आशीष लेने के लिए बेचैन है।
वहीं दूसरी ओर कामाख्या धाम की तलहटी में रात के समय भक्ति संगीत का कार्यक्रम चल रहा है। जहां पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से आए साधु संत बाउल संगीत के जरिए माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं।
उधर अंबुबासी महायोग मेले के मद्देनज़र श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रशासन की ओर से विभिन्न स्थानों पर यातायात नियंत्रण हेतु बैरिकेड लगाए गए हैं। इन बैरिकेडों के सामने भारी संख्या में पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों को तैनात किया गया है।
पांडु टेंपल घाट, नीलाचल फ्लाईओवर, मालीगांव चारियाली, तीन नंबर गेट, मालीगांव गौशाला और रेलगेट के आसपास पुलिस की मौजूदगी देखी गई। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस द्वारा स्थानीय निवासी, स्कूल-कॉलेज के छात्र, कार्यालय जाने वाले लोग, अख़बार वितरक के टू-व्हीलर, पत्रकारों के वाहन और दवा लेने आए रोगियों के वाहनों तक को रोका जा रहा है। इससे रोज़ ही पुलिस और वाहन चालकों के बीच बहस की स्थिति पैदा हो रही है।
स्थानीय लोगों और चालकों का आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों में से कई को उचित प्रशिक्षण नहीं मिला है और उन्हें यह तक नहीं सिखाया गया कि आम जनता के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। इसलिए उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर
