
प्रयागराज, 25 जून (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ सदर के विधायक अब्बास अंसारी की हेट स्पीच मामले में याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने अब्बास से अपनी मांग अपीलीय न्यायालय के समक्ष रखने को कहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दिया है। कोर्ट ने कहा कि अब्बास अंसारी ने पहले ही सजा के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील कर रखी है इसलिए उन्हें इस मुद्दे को वहीं अपील के माध्यम से उठाना चाहिए। कोर्ट ने अब्बास को हेट स्पीच की सीडी की वैधता के मामले को भी सेशन कोर्ट में दाखिल अपील में उठाने का निर्देश दिया है।
अब्बास अंसारी ने आरोप लगाया था कि हेट स्पीच की सीडी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने हेट स्पीच मामले में मऊ की स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए में पुलिस की ओर से पेश की गई हेट स्पीच से जुड़ी ऑडियो की फॉरेंसिक रिपोर्ट और सीडी को याचिका में चुनौती दी थी।
यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों को धमकी देने से जुड़ा है। चार मार्च 2022 को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ हेट स्पीच के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। यह एफआईआर दारोगा गंगाराम बिंद की तहरीर पर मऊ कोतवाली में दर्ज हुई थी।
आरोप है कि तीन मार्च 2022 को चुनावी जनसभा में अब्बास अंसारी ने प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी दी थी। इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें अब्बास अंसारी ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषण में अधिकारियों का “हिसाब-किताब“ करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार बनती है, तो पहले अधिकारियों से हिसाब लिया जाएगा, उसके बाद उनका तबादला होगा।
चुनाव आयोग ने उनके इस बयान का संज्ञान लिया था, जिसके बाद अब्बास अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में गत 31 मई को सीजेएम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल कैद और तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
