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मृगशिरा नक्षत्र में शहर के प्रमुख गणेश मंदिर में किया गया प्रथम पूज्य का दुग्धाभिषेक

मृगशिरा नक्षत्र में शहर के प्रमुख गणेश मंदिर में किया गया प्रथम पूज्य का दुग्धाभिषेक

जयपुर, 25 जून (Udaipur Kiran) । आषाढ़ी अमावस्या पर मृगशिरा नक्षत्र का संयोग होने से सर्वार्थ सिद्धी योग बना। जिससे अमावस्या का महत्व और बढ़ गया। इस शुभ अवसर पर मृगशिरा नक्षत्र में अल सुबह से शहर भर के प्रमुख गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य का दुग्धाभिषेक किया गया। सुबह पांच बजे से ही गणेश मंदिरों में भक्तों का तांता लग गया जो दोपहर एक बजे तक जारी रहा। मृगशिरा नक्षत्र में मोती डूंगरी गणेश मंदिर,परकोटा गणेश मंदिर,श्वेत सिद्धी विनायक गणेश सहित कई मंदिरों में गणेश जी महाराज का दूग्धभिषेक किया गया।

सूरजपोल बाजार स्थित श्वेत सिद्धी विनायक मंदिर में बुधवार सुबह पांच बजे से श्रद्धालुओं की कतार लग गई और सभी ने बारी-बारी से भगवान गणेश का दुग्धभिषेक किया। जो दोपहर 1 बजे तक जारी रहा। जिसके पश्चात प्रथम पूज्य को नवीन पोशाक धारण कराई गई। शहर का मात्र एक ऐसा मंदिर है जिसमें सिद्धी विनायक के साथ रिद्धि-सिद्धि मुषक देव भी विराजमान है।

गौरतलब है कि इस मंदिर का निर्माण दो सौ साल पहले हुआ था। यहां गणेश प्रतिमा पर सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता है। केवल दूध और जल अभिषेक किया जाता है। बताया जाता है कि जयपुर महाराजा रामसिंह गलता तीर्थं से स्नान करके लौटते थे तो वो श्वेत सिद्धि विनायक का दुग्धाभिषेक करते थे। जिसके पश्चात ही वो राजकार्य शुरु करते थे। इस मंदिर का निर्माण पुष्य नक्षत्र की बसंत पंचमी को हुआ था। ये पूर्व मुखी गणेश मंदिर है।

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(Udaipur Kiran)

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