
– मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने की धार्मिक स्थल सौंदर्यीकरण एवं विकास समिति के गठन की घोषणा
नई दिल्ली, 25 जून (Udaipur Kiran) । संस्कृति के संरक्षण और नागरिक सुविधाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मंत्री प्रवेश साहिब सिंह की अध्यक्षता में हुई नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) की तीसरी बैठक में बुधवार को अनेक दूरदर्शी प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों का उद्देश्य दिल्ली की आध्यात्मिक विरासत को सम्मान देना और सार्वजनिक सुविधाओं को व्यापक रूप से उन्नत करना है।
बैठक में संसद सदस्य बंसुरी स्वराज, एनडीएमसी उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित रहे। परिषद ने धार्मिक स्थलों के विकास, महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी संरचना और स्वच्छता प्रणालियों को लेकर एक विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की।
मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशभर में धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के पुनरुद्धार के लिए चलाई जा रही राष्ट्रव्यापी पहल से प्रेरणा लेते हुए “धार्मिक स्थल सौंदर्यीकरण एवं विकास समिति” के गठन की घोषणा की।
यह समिति निम्नलिखित कार्यों पर केंद्रित होगी। इसमें एनडीएमसी क्षेत्र में धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण, श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, बैठने की व्यवस्था और स्वच्छता सुविधाओं का उन्नयन करना, मंदिर परिसरों में रोशनी, रास्तों और सौंदर्यीकरण में सुधार के साथ-साथ धार्मिक गतिविधियों में किसी प्रकार का व्यवधान न हो, इसका ध्यान रखते हुए हितधारकों से समन्वय स्थापित करना होगा।
मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि “धार्मिक स्थल केवल आस्था के प्रतीक नहीं, बल्कि संस्कृति, सेवा और आत्मिक ऊर्जा के केंद्र होते हैं। हमारा प्रयास है कि इन स्थलों को स्वच्छ, सुरक्षित और स्वागतपूर्ण बनाया जाए — प्रधानमंत्री मोदी के सांस्कृतिक रूप से जागरूक भारत के सपने के अनुरूप।
परिषद ने हर बाजार में पिंक टॉयलेट, नई रोड-स्वीपिंग मशीनों की खरीदी, झुग्गी क्लस्टरों और धोबी घाटों का उन्नयन, सार्वजनिक शौचालयों की बेहतर देखरेख को प्रस्ताव मंजूरी दी है।
आज की परिषद बैठक एक समग्र शासन दृष्टिकोण का प्रतीक रही, जिसमें आध्यात्मिक चेतना और नागरिक विकास दोनों पहलुओं को समान महत्व दिया गया। ये प्रस्ताव पारदर्शिता, समावेशिता और समयबद्ध क्रियान्वयन के प्रति एनडीएमसी की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
प्रवेश साहिब सिंह ने कहा ने कहा कि (स्वच्छता, संस्कृति और संवेदनशीलता) ये एनडीएमसी प्रशासन की नई रीढ़ होंगी। धार्मिक स्थल से लेकर शौचालयों तक, हर नागरिक को जमीन पर परिवर्तन महसूस होना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
