Uttar Pradesh

आपातकाल में संविधान की आत्मा को कुचला गया, संसद की आवाज को दबाया गया: महापौर

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—आपातकाल के काले अध्याय की प्रदर्शनी: महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया उद्घाटन

बोले—देशवासी आपातकाल की विभीषिका को कभी नहीं भूल सकते

वाराणसी,25 जून (Udaipur Kiran) । आपातकाल की 50वीं बरसी पर बुधवार को सिगरा स्थित शहीद उद्यान में भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय तथा अनैतिक संशोधन से संविधान पर हमला विषयक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन महापौर अशोक तिवारी और जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस अवसर पर महापौर ने कांग्रेस को सीधे निशाने पर लेकर कहा कि आपातकाल में संविधान की आत्मा को कुचला गया, संसद की आवाज को दबाया गया और न्यायपालिका पर नियंत्रण की कोशिश की गई। इस चित्र प्रदर्शनी के माध्यम आमजन भी पिछली सरकार द्वारा आपात काल में किए गए अनैतिक कार्यवाही से रुबरु होगे। 42वां संशोधन कांग्रेस की इसी सोच का प्रतीक है। गरीबों, वंचितों और दलितों को खास तौर पर निशाना बनाया गया।’

महापौर ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार की प्रतिज्ञा-लोकतंत्र को मजबूत करने का संकल्प हैं। सरकार संविधान के मूल्यों को और मजबूत करने और विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देशवासी आपातकाल की विभीषिका को कभी नहीं भूल सकते। आपातकाल देश के इतिहास का एक काला अध्याय है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोग हमेशा सजग रहेंगे।

गौरतलब हो कि आज ही के दिन 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। “गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार” मई 1976 में करीब 7000 पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को गिरफ्तार किया गया।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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