Madhya Pradesh

जलगंगा संवर्धन अभियान से पुनर्जीवित हुई भोपाल की ‘बड़े बाग़ की बावड़ी’

जलगंगा संवर्धन अभियान से पुनर्जीवित हुई भोपाल की ‘बड़े बाग़ की बावड़ी’

भोपाल, 25 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रारंभ किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत, भोपाल की ऐतिहासिक धरोहर ‘बड़े बाग़ की बावड़ी’ को एक नया जीवन मिला है। यह सफलता केवल जल संरचना के पुनरुद्धार की नहीं, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण की भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पर्यावरण संरक्षण दृष्टिकोण और जल संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध नेतृत्व ने इस अभियान को जन-आंदोलन का रूप दिया है।

जनसंपर्क अधिकारी अरूण शर्मा ने बुधवार को बताया कि नवाब वज़ीर मोहम्मद खान द्वारा करीब 200 वर्ष पूर्व निर्मित यह बावड़ी आकार में भोपाल की सबसे बड़ी बावड़ी है, जिसका कुल क्षेत्रफल 32 एकड़ और गहराई 60 फीट है। यह बावड़ी नवाब वज़ीर मोहम्मद खान और नवाब कुदसिया बेगम के मकबरों के मध्य स्थित है और स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है।

उन्‍होंने बताया कि प्रशासन एवं नगर निगम भोपाल द्वारा इस बावड़ी की सफाई, सिल्ट हटाने, खरपतवार उन्मूलन, दीवारों और सीढ़ियों की मरम्मत, रंगाई-पुताई तथा सुरक्षा जाली लगाने जैसे कार्य तेज़ी से किए गए। लगभग 40 क्यूबिक मीटर सिल्ट हटाने और जल ग्रहण क्षमता को 2000 लीटर प्रति घंटा तक पहुँचाने के बाद, यह संरचना फिर से उपयोग में लाई जा रही है।

आज इस ऐतिहासिक बावड़ी का जल निस्तार कार्यों में प्रयोग हो रहा है और यह स्थल अब भोपाल की जल धरोहर एवं सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बन रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शिता ने इस बावड़ी को एक बार फिर जीवंत कर दिया है। जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत यह कार्य न केवल एक संरचना का पुनरुद्धार है, बल्कि जल संरक्षण के प्रति मध्यप्रदेश सरकार की गहरी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

Most Popular

To Top