
कोलकाता, 25 जून (Udaipur Kiran) ।
पश्चिम बंगाल में रथयात्रा के मौके पर तृणमूल और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गई है। दीघा के जगन्नाथ मंदिर में पहली बार आयोजित हो रही रथयात्रा और वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। इसी बीच, राज्य के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पुरी के महाप्रसाद वितरण का एलान कर सियासी जंग को और भी तीखा बना दिया है।
शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को कहा कि रथयात्रा के दिन यानी 27 जून से पांच दिन तक पुरी से लाया गया महाप्रसाद बंगाल में वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्रसाद तमलुक के गौरांग महाप्रभु मंदिर से लोगों में बांटा जाएगा। अधिकारी ने कहा, पुरी से महाप्रसाद आ रहा है। 27 जून को दोपहर तीन बजे यह पहुंचेगा और इसका वितरण शुरू होगा।
इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि रथयात्रा के दिन कोलकाता के चित्तरंजन एवेन्यू में दोपहर 12 बजे रथयात्रा निकाली जाएगी। वहीं, उसी दिन शाम चार बजे इस्कॉन मेचेदा की रथयात्रा भी आयोजित होगी।
शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से दीघा में रथ के प्रसाद वितरण पर निशाना साधते हुए कहा कि अब जनता को असली महाप्रसाद—पुरी से आया हुआ—मिलेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि कोलकाता की रथयात्रा में दीघा की तुलना में कहीं अधिक भीड़ उमड़ेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही दीघा पहुंच चुकी हैं और वहां जगन्नाथ मंदिर के रथोत्सव की तैयारियों का जायज़ा ले चुकी हैं। राज्य भर में गजा और पेडा जैसे प्रसाद घर-घर बांटे जा रहे हैं। इसे लेकर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं और इसे “प्रचार आधारित” कदम बताया है।
रथयात्रा को लेकर राज्य में इस बार धार्मिक उत्सव के साथ-साथ सियासी माहौल भी गर्म होता दिख रहा है। अब देखना होगा कि पुरी के महाप्रसाद का वितरण और भाजपा की यह रणनीति कितना असर दिखा पाती है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
