
श्रीनगर 24 जून (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान द्वारा सरकारी विभागों में शुरू की गई विभिन्न डिजिटल पहलों की प्रगति का आकलन करने हेतु एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने बीआईएसएजी-एन के साथ शुरू की गई प्रत्येक नई पहल के विकास पर हुई प्रगति के साथ-साथ सार्वजनिक उपयोग के लिए उनके रोलआउट की तारीखों पर भी ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आईटी उपाय यहां आम नागरिकों के जीवन को काफी हद तक सुगम बनाने में सहायक होंगे।
अटल डुल्लू ने इस अवसर पर मिशन युवा और सेहत मोबाइल ऐप जैसे जन-केंद्रित हस्तक्षेपों के लिए संबंधित डैशबोर्ड विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि लोगों के बीच उनकी बढ़ती लोकप्रियता पर नजर रखी जा सके और जमीनी स्तर पर आवश्यकताओं के अनुसार कार्ययोजना तैयार की जा सके। उन्होंने कौशल विकास पाठ्यक्रमों की शिक्षा को यू-डाइस डेटा से जोड़ने के महत्व पर भी जोर दिया ताकि प्रत्येक छात्र के करियर को बेहतर आकार देने के लिए उसके प्रक्षेपवक्र को जाना जा सके। समीक्षा में ई-गवर्नेंस, कृषि विकास, सार्वजनिक सेवाओं और बुनियादी ढांचे के मानचित्रण में महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला गया, जिससे डिजिटल परिवर्तन के लिए जम्मू-कश्मीर की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।
इससे पहले आईटी सचिव पीयूष सिंगला ने प्रगति पर चल रही पहलों, पूर्ण हो चुकी पहलों और बीआईएसएजी-एन के साथ मिलकर काम करने के लिए पाइपलाइन में चल रही पहलों का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद हासिल किए जाने वाले उद्देश्यों के बारे में भी विस्तार से बताया।
इसके बाद बीआईएसएजी-एन ने अपनी परियोजनाओं के व्यापक पोर्टफोलियो का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जिसमें कार्यकुशलता, पारदर्शिता और नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण को बढ़ाने के उद्देश्य से चल रहे प्रयासों और नई पहलों पर जोर दिया गया।
राजस्व विभाग से संबंधित प्रमुख आईटी परियोजनाएं जो जांच के दायरे में आईं उनमें राजस्व मानचित्रों का चल रहा डिजिटलीकरण जिसमें 5670 गांवों का काम पूरा हो चुका है, जमाबंदी पोर्टल का विकास, म्यूटेशन रजिस्टर, ओरेकल डेटाबेस माइग्रेशन और ग्राउंड ट्रूथिंग के लिए जीआईएस पोर्टल जिसका 30 जून, 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य है शामिल हैं।
इस बैठक का मुख्य फोकस उभरती प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करना था। इसमें उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग), रोबोटिक किट, ड्रोन/यूएवी नवाचार क्षमताओं और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की परिकल्पना की गई है।
बैठक में बताया गया कि संशोधित डीपीआर प्रस्तुत कर दिया गया है और मीटीई, जम्मू-कश्मीर सरकार और जम्मू-कश्मीर बैंक से फंडिंग की मांग की जा रही है। शिकायतों के लिए एआई-आधारित वर्गीकरण और निगरानी प्रणाली जेके समाधान 2.0 के बारे में बताया गया कि प्रगति संतोषजनक है जिसके लिए डैशबोर्ड और हीट मैप पहले ही विकसित हो चुके हैं। ये प्रणालियाँ नागरिकों को शिकायतों को कुशलतापूर्वक दर्ज करने और ट्रैक करने में सक्षम बनाती हैं।
कृषि उत्पादन विभाग के लिए किसान खिदमत घर और दक्ष किसान नामक पहल को पूर्ण और रखरखाव के अधीन बताया गया है।
युवा कौशल संवर्धन, नौकरी रिक्तियों, उद्यमिता विचारों और ई-पाठ्यक्रमों के लिए एक एकल मंच, कोर मिशन युवा ऐप भी अपने अंतिम चरण में बताया गया। उद्यमियों पर डेटा एकत्र करने वाला युवा बेसलाइन सर्वेक्षण भी समाप्त हो गया है और इसका डेटाबेस सरकारी विभागों के साथ साझा किया गया है। सभी सेवाओं, क्षमता निर्माण मॉड्यूल और ओएनडीसी ऐप के लिए डैशबोर्ड पर काम चल रहा है।
सेहत मोबाइल एप्लीकेशन के बारे में बताया गया कि यह पूरा हो चुका है और क्षमता निर्माण के दौर से गुजर रहा है। सेहत ऐप मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं, सेवाओं और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए अवसरों के बारे में मार्गदर्शन करता है, जिससे संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित होता है।
समग्र कृषि विकास कार्यक्रम के विकास के बारे में बताया गया कि कृषि उत्पादन विभाग के लिए यह ऐप भी पूरा हो चुका है और रखरखाव के अधीन है जो किसानों को कृषि उत्पादन को रिकॉर्ड करने और निगरानी करने की अनुमति देगा।
बैठक में बताया गया कि पीएम-गति शक्ति राज्य मास्टर प्लान प्लेटफॉर्म का उद्देश्य बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना के लिए सभी विभागों को एक साथ लाना है। सभी विभागों में स्थिति पूरी और रखरखाव के अधीन बताई।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
