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बूंदी ने मनाया 784वां स्थापना दिवस, पारंपरिक संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

बूंदी स्थापना दिवस

बूंदी, 24 जून (Udaipur Kiran) । ‘छोटी काशी’ के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगरी बूंदी ने मंगलवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ अपना 784वां स्थापना दिवस मनाया। समारोह की शुरुआत गढ़ गणेश मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ हुई। इस अवसर पर जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा और पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह ने पंडित विश्वनाथ की शहनाई की मधुर स्वर लहरियों के बीच विशेष पूजा संपन्न की।

कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। समारोह में जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर, भाजपा जिलाध्यक्ष रामेश्वर मीना, नगर परिषद सभापति सरोज अग्रवाल सहित कई जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। सभी ने मिलकर सामूहिक आरती में भाग लिया।

स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में बूंदी के पुरातत्व महत्व के सभी स्मारकों को आम जनता के लिए निःशुल्क प्रवेश हेतु खोला गया। वहीं पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘पौधे लगाओ, बूंदी सजाओ’ अभियान का शुभारंभ सर्किट हाउस स्थित ‘बेटी गौरव उद्यान’ से हुआ। इस दौरान जिला प्रमुख सहित प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पीपल, जामुन, नीम, करंज, शीशम, शहतूत और सहजन जैसे छायादार और औषधीय पौधे लगाए।

राजकीय संग्रहालय, सुखमहल में विशेष चित्रकला और फोटोग्राफी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें गढ़ पैलेस, रानीजी की बावड़ी और चौरासी खम्भों की छतरी जैसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों की तस्वीरें प्रदर्शित की गईं। साथ ही स्थानीय कलाकारों द्वारा निर्मित ‘हाड़ी रानी’ और अभ्यारण्यों की पेंटिंग्स ने भी दर्शकों को आकर्षित किया।

स्थानीय लोकसंस्कृति की झलक कार्यक्रम के सांस्कृतिक भाग में देखने को मिली, जब रानीजी की बावड़ी, सुखमहल और चौरासी खम्भों की छतरी प्रांगण में लोक कलाकारों ने कालबेलिया, कच्छी घोड़ी और घूमर नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया और कलाकारों की सराहना की।

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(Udaipur Kiran)

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