श्रीनगर, 23 जून (Udaipur Kiran) । कश्मीर में लगातार गर्म हवाएं चल रही हैं जिससे अधिकांश क्षेत्रों में तापमान सामान्य से काफी अधिक बढ़ गया है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर ने एक ताजा परामर्श जारी किया है जिसमें 24 जून तक क्षेत्र में गर्म और उमस भरे मौसम की चेतावनी दी गई है जिसके बाद सप्ताह के अंत में संभावित रूप से तूफानी और बारिश स्थिति की संभावना है।
सोमवार को श्रीनगर में अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है जिससे यह इस मौसम का सबसे गर्म दिन बन गया।
कश्मीर के अन्य क्षेत्रों में भी असामान्य रूप से उच्च तापमान दर्ज किया गया जिसमें काजीगुंड में 33.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। कुपवाड़ा में 33.5 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस अधिक है, कोकरनाग में 32.6 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से 3.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। गुलमर्ग जो आमतौर पर ठंडा रहता है, 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक है और पहलगाम 24 डिग्री सेल्सियस पर।
इसके विपरीत जम्मू के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई बारिश के कारण सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया। जम्मू शहर में 36.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस कम है जबकि बनिहाल, बटोत और भद्रवाह भी मौसमी औसत के करीब या उससे कम रहे।
श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 25 जून से मौसम में बदलाव होने की उम्मीद है जिससे गर्मी से काफी राहत मिलने की संभावना है।
पूर्वानुमान के अनुसार 24 जून को मौसम गर्म और उमस भरा रहेगा और कुछ स्थानों पर बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। 25 से 27 जून तक मौसम सामान्य रूप से बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ेंगे तथा जम्मू संभाग में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
28 जून से 2 जुलाई तक कश्मीर और जम्मू संभाग में छिटपुट स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है।
25 से 27 जून के लिए मौसम संबंधी परामर्श जारी किया गया है, जिसमें जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी वर्षा और तीव्र वर्षा, संवेदनशील क्षेत्रों में अचानक बाढ़ का खतरा, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने तथा निचले शहरी क्षेत्रों में जलभराव और नदी-नालों के जलस्तर में वृद्धि की चेतावनी दी गई है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे इस अवधि के दौरान सिंचाई, छिड़काव और उर्वरक का प्रयोग बंद कर दें ताकि फसलों और कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे को नुकसान न पहुंचे।
(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
