
नालंदा, 23 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री नीती कुमार के गृह जिले
नालंदा में नदियों का जलस्तर घटने के बावजूद करायपरसुराय प्रखंड के मकरौता पंचायत अंतर्गत कमरथू व बेरमा छिलका गांव के पास सोमवार को तटबंध टूट गया ,जिससे बाढ़ का पानी नए इलाकों में फैल गया है। इससे करीब पांच हजार की आबादी संकट में आ गई है।
प्रखंड क्षेत्र के मखदुमपुर पंचायत के झारहापर, मेढ़मा, बेरमा, छीतर बिगहा, फतेहपुर, मुसाढ़ी, कमरथू, सदरपुर, रूपसपुर और दीरीपर गांवों के घरों और खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें नष्ट हो गईं और कई घरों का सामान भी पानी में बह गया है। पिछले गुरुवार को उदेरा बैराज से 73 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था हालांकि अब नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे आ गया है। लेकिन तटबंध टूटने के कारण नए क्षेत्रों में पानी प्रवेश कर गया है जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। कमरथू गांव के पास लोकाइन नदी के उत्तर-पश्चिम दिशा में तटबंध टूटने से खेतों और घरों में लगभग दो फीट पानी भर गया है। इससे आसपास के इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
प्रखंड प्रशासन द्वारा मकरौता पंचायत में दो स्थानों पर सामुदायिक भोजनालय की व्यवस्था की गई है। सोमवार को जब पदाधिकारी मुसाढ़ी गांव पहुंचे और भोजनालय शुरू किया तो बाढ़ पीड़ितों ने आक्रोश में भोजनालय का बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि जब तक तटबंध की मरम्मत नहीं होती तब तक वे भोजन नहीं करेंगे। अंततः पदाधिकारियों को वापस लौटना पड़ा।
इस संबंध में बीडीओ नंदकिशोर ने बताया कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कृषि विभाग द्वारा सर्वेक्षण के माध्यम से किया जा रहा है। सीओ मणिकांत कुमार ने कहा कि मकरौता पंचायत के कमरथू फतेहपुर और मुसाढ़ी गांवों के लगभग 70 से 80 घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। उन्होंने बताया कि लोकाइन नदी के जलस्तर में थोड़ी गिरावट आई है और प्रशासन हरसंभव राहत पहुंचाने में जुटा हुआ है।
(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे
