
जम्मू, 23 जून (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जम्मू-कश्मीर ने पूरे जम्मू-कश्मीर में संगठनात्मक जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा, उपाध्यक्ष और विधायक युद्धवीर सेठी, सचिव अयोध्या गुप्ता, जिला प्रभारी राजीव चारक, जिला अध्यक्ष एडवोकेट राजेश गुप्ता, प्रवक्ता रजनी सेठी, मुनीश खजूरिया, प्रमोद कपाही और अन्य ने भाजपा जिला जम्मू द्वारा त्रिकुटा यात्री भवन अंबफल्ला जम्मू में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
एक अन्य कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा ने उपाध्यक्ष असीम गुप्ता, और अनुराधा सिंह चारक, मुख्यालय प्रभारी प्रिया सेठी, सचिव और जिला प्रभारी अयोध्या गुप्ता, जिला अध्यक्ष नरेश सिंह, रेखा महाजन और अन्य लोगों के साथ भाजपा जिला जम्मू दक्षिण द्वारा पार्टी मुख्यालय त्रिकुटा नगर जम्मू में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। भाजपा महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने मुख्यालय प्रभारी प्रिया सेठी, कार्यालय सचिव तिलक राज गुप्ता, विनय गुप्ता और अन्य लोगों के साथ पार्टी मुख्यालय त्रिकुटा नगर जम्मू में महान देशभक्त को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सत शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ मुखर्जी ने जम्मू और कश्मीर में मुफ्त प्रवेश और निकास को प्रतिबंधित करने वाली परमिट प्रणाली का कड़ा विरोध करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया जो किसी अन्य भारतीय राज्य में नहीं पाई जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह डॉ मुखर्जी के सर्वाेच्च बलिदान के कारण ही है कि जम्मू और कश्मीर आज शेष भारत के साथ पूरी तरह से एकीकृत है। सत शर्मा ने कहा कि उन्होंने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और जम्मू-कश्मीर के लिए अलग-अलग प्रतीकों और कानूनों के प्रावधान पर सवालउठाया। उनका बलिदान भारत की सच्ची एकता की यात्रा में आधारशिला है।
अशोक कौल ने डॉ. मुखर्जी को वैचारिक वास्तुकार बताया जिनकी दृष्टि भाजपा का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की नींव डॉ. मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों में निहित है। उनके जैसे नेता व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बल्कि सभी के कल्याण और एक मजबूत, एकीकृत राष्ट्र के दृष्टिकोण के लिए बड़े उद्देश्य के लिए जीते थे।
युद्धवीर सेठी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डॉ. मुखर्जी का जीवन अटूट साहस और निस्वार्थ राष्ट्रवाद का प्रतीक है। ऐसे व्यक्ति दुर्लभ हैं और उनकी विरासत न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं को बल्कि भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। प्रिया सेठी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण संवैधानिक एकीकरण के लिए डॉ. मुखर्जी की शहादत को याद किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक राष्ट्र में दो संविधान, दो झंडे और दो कानून होने का दृढ़ता से विरोध किया। उनका विरोध और अंतिम बलिदान एकीकृत भारत की नींव में अंकित है। एडवोकेट राजेश गुप्ता ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने अलगाववाद के खतरों को पहले ही भांप लिया था और उनकी शहादत भाजपा के हर कार्यकर्ता को भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है। नरेश सिंह जसरोटिया ने जोर देकर कहा कि आज जम्मू-कश्मीर भारत के साथ अपने पूर्ण संवैधानिक और राजनीतिक एकीकरण के लिए डॉ. मुखर्जी के निर्भीक रुख और अंतिम बलिदान का ऋणी है।
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(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
