
कानपुर, 23 जून (Udaipur Kiran) । बरसात के मौसम में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं जनहानि और पशुहानि का कारण बनती रही हैं। ऐसी किसी भी दुखद घटना में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार मृतक के आश्रितों को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह जानकारी सोमवार को एडीएम विवेक चतुर्वेदी ने दी।
इस संबंध में एडीएम (वित्त एवं राजस्व) विवेक चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि आकाशीय बिजली से मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को तत्काल सूचना स्थानीय प्रशासन अथवा राजस्व विभाग को देनी चाहिए, जिससे समयबद्ध ढंग से जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सके। लेखपाल द्वारा घटना का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिसके उपरांत तहसील स्तर पर जांच आख्या बनाकर अनुमोदन के लिए भेजी जाती है। अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात सहायता राशि डीबीटी प्रणाली के माध्यम से नामित लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दी जाती है।
उन्होंने बताया कि कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी के अभाव में पात्र परिवार इस सहायता का लाभ नहीं ले पाते। ऐसे में राजस्वकर्मियों, ग्राम प्रधानों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसी घटनाओं की सूचना तत्काल उपलब्ध कराएं और पीड़ित परिवार को आवश्यक दस्तावेजों के संकलन एवं प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करें। सहायता के लिए मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट, पारिवारिक विवरण, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण आदि दस्तावेज आवश्यक होते हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट यदि उपलब्ध हो तो संलग्न की जाती है, यद्यपि आकाशीय बिजली के मामलों में प्रत्यक्षदर्शियों और स्थल निरीक्षण की पुष्टि भी पर्याप्त मानी जाती है।
इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा आकाशीय बिजली से बचाव के लिए लगातार जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सचेत एप पर आकाशीय बिजली से संबंधित अलर्ट भी जारी किया जाता है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि मौसम खराब होने की स्थिति में खेतों, नालों, ऊंचे पेड़ों या विद्युत खंभों के पास न ठहरें। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों और स्थानीय प्रशासन की सलाहों का पालन करें।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
