
हरिद्वार, 23 जून (Udaipur Kiran) । साबिर फरीदी विकास समिति ग्राम सुल्तानपुर द्वारा ग्राम शाहमंसूर में नशे के विरुद्ध एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान समिति अध्यक्ष रिजवान साबरी ने कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है। इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता ही है। स्वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है।
उन्हाेंने कहा कि नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हीन दृष्टि से देखा जाता है। नशा करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरुप हो जाता है, उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिया उपादेयता शून्य हो जाती है। वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है।
उन्होंने कहा कि नशा अब एक अन्तरराष्ट्रीय विकराल समस्या बन गयी है। दुर्व्यसन से आज स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग और विशेषकर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस अभिशाप से समय रहते मुक्ति पा लेने में ही मानव समाज की भलाई है। जो इसके चंगुल में फंस गया वह स्वयं तो बर्बाद होता ही है इसके साथ ही साथ उसका परिवार भी बर्बाद हो जाता है।
कहा कि आज कल अक्सर ये देखा जा रहा है कि युवा वर्ग इसकी चपेट में दिनों-दिन आ रहा है। वह तरह-तरह के नशे जैसे- तम्बाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और शराब के चंगुल में फंसती जा रही है। हमें इससे बचना चाहिए। इस अवसर पर खादिम सानिब, आसिफ, अयान, साजिद, आरिफ, इशरत, सब्बर व अन्य लोग मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
