
गोमती (त्रिपुरा), 23 जून (Udaipur Kiran) । त्रिपुरा के प्रसिद्ध त्रिपुरासुंदरी मंदिर के निकट स्थित कल्याण सागर झील में निवास करने वाले कछुओं पर हो रहा वैज्ञानिक सर्वेक्षण अपने पहले चरण में संपन्न हो गया है। इस बात की जानकारी गोमती जिला अधिकारी ने सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से दी।
इस अध्ययन को टर्टल सर्वाइवल अलायंस फाउंडेशन (टीएसएएफ) का सहयोग प्राप्त है। शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से डिजाइन किए गए हूप ट्रैप्स की मदद से कछुओं को सुरक्षित तरीके से पकड़ा। इसके बाद टीएसएएफ के विशेषज्ञों की निगरानी में “टो क्लिपिंग” तकनीक के जरिए उन्हें टैग किया गया, जो हर्पेटोलॉजी में स्वीकृत विधि है।
प्रत्येक कछुए का वजन, शरीर की नाप, स्वास्थ्य और जैविक संकेतकों की बारीकी से जांच की गई। इस अध्ययन का उद्देश्य झील में कछुओं की संख्या का अनुमान लगाना, उनके स्वास्थ्य की निगरानी करना, प्रजनन चक्र का विश्लेषण करना और प्रजातियों से जुड़ा पारिस्थितिकीय डाटा इकट्ठा करना है।
जिलाधिकारी तरित कांती चकमा ने टीएसएएफ की वैज्ञानिक डॉ. अरुणिमा सिंह और डॉ. सुष्मिता कर के तकनीकी योगदान और संरक्षण प्रयासों के प्रति समर्पण के लिए धन्यवाद् प्रकट किया।
झील की पारिस्थितिक और सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए अध्ययन का दूसरा चरण मानसून के बाद शुरू किया जाएगा। कल्याण सागर झील में कई दुर्लभ मीठे पानी की कछुआ प्रजातियां पाई जाती हैं, जो इसे जैव विविधता के लिहाज से भी अहम बनाती हैं।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
