जम्मू,, 22 जून (Udaipur Kiran) । 2025 का आधा साल बीत चुका है, लेकिन रियासी जिले की जिज पंचायत A और B के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। आज़ादी के 78 साल बाद भी इन ग्रामीण इलाकों में ना सड़क है, ना बिजली-पानी, ना स्वास्थ्य सुविधाएं और ना ही उचित शिक्षा व्यवस्था।
ग्रामीणों का कहना है कि जहां देश डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया की बात करता है, वहीं वे आज भी रोजमर्रा की जरूरतों से वंचित हैं। 2001 में जो सड़क बनी थी, उसके बाद से किसी भी सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। हालात ऐसे हैं कि उस सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
स्थानीय लोगों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सबसे बड़ी समस्या सड़क की है। अगर गांव में सड़क कनेक्टिविटी हो जाए, तो बीमार लोगों को अस्पताल ले जाना आसान हो जाएगा। अभी अरनास या रियासी तक पहुंचने के लिए लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, जिससे कई बार जान भी चली जाती है। उन्होंने बताया कि कई बार गर्भवती महिलाएं रास्ते में ही बच्चे को जन्म देने को मजबूर हो जाती हैं।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव में ना ही सही स्वास्थ्य सुविधा है और ना ही उच्च शिक्षा। यहां स्कूलj केवल 10वीं कक्षा तक है। आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को रियासी या बाहर भेजना पड़ता है, लेकिन गरीबी के कारण कई परिवार ऐसा नहीं कर पाते। अगर गांव में ही अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो, तो बच्चे भी आगे बढ़ सकते हैं।
लोगों ने बताया कि जहां तक सड़क है, वहां से आगे एक नाला आता है, जिसे बारिश के मौसम में पार करना नामुमकिन हो जाता है। पानी के तेज बहाव के कारण लोग अपने ही घर छोड़कर दूसरों के घर में शरण लेते हैं। उन्होंने प्रशासन और जम्मू-कश्मीर सरकार से अपील की है कि सड़क को दुरुस्त किया जाए और जिज A और B पंचायत के बीच आने वाले नाले पर पुल बनाया जाए ताकि बच्चे स्कूल जा सकें और लोग सुरक्षित यात्रा कर सकें।
ग्रामीणों का कहना है कि जब चुनाव आते हैं तो नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई वापस नहीं आता। उन्होंने कहा कि इस बार उन्होंने गलत फैसला किया, लेकिन आने वाले चुनावों में वे अपने वोट की ताकत से नेताओं को जवाब देंगे।
पढ़ेगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया तब ही संभव है जब हर गांव के बच्चे को स्कूल तक पहुंचने का हक और रास्ता मिले।
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(Udaipur Kiran) / अश्वनी गुप्ता
