Assam

असम में ओएनजीसी गैस रिसाव: नियंत्रण की दिशा में बड़े कदम, प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की स्वीकृति

– समीक्षा के लिए पहुंचे अमेरिकी सीयूडीडी प्रेशर कंट्रोल के विशेषज्ञ

शिवसागर (असम), 21 जून (Udaipur Kiran) । असम के रुद्रसागर तेल क्षेत्र स्थित बारिचुक में ओएनजीसी के कुएं आरडीएस 147ए से हुई गैस ब्लोआउट की घटना को नियंत्रण में लाने की दिशा में कंपनी ने महत्वपूर्ण प्रगति का दावा किया है। 12 जून को शुरू हुई इस आपात स्थिति के बाद अब गैस के बहाव में स्पष्ट कमी दर्ज की गई है।

ओएनजीसी के अनुसार, यह कुआं निजी ठेकेदार एसके पेट्रो सर्विसेज द्वारा संचालित है। राहत कार्यों की समीक्षा के लिए अमेरिका की कंपनी सीयूडीडी प्रेशर कंट्रोल के विशेषज्ञों की एक टीम मौके पर पहुंची, जिन्होंने अब तक उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया और ओएनजीसी की रणनीति को सही ठहराया।

अगले चरण की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। टयूबुलर हटाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है और रिग फ्लोर से मलबा हटाने के लिए क्रेनों की तैनाती की जा रही है। आग के जोखिम को कम करने के लिए पानी का छिड़काव जारी है तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु गैस की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है।

कुएं के निकट बह रही दिखौ नदी के जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है। विस्थापित ग्रामीणों के लिए राहत शिविरों में भोजन, चिकित्सा और सुरक्षा की व्यवस्थाएं की गई हैं।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लिंक्डइन पर एक अपडेट में बताया कि कुएं में गैस का दबाव 2600 पीएसआई से घटकर 500 पीएसआई रह गया है, जो राहत का संकेत है। उन्होंने कहा, “जंक शॉट ऑपरेशन और किल फ्लूइड पंपिंग के जरिए हालात को नियंत्रित किया जा रहा है। यदि आवश्यक हुआ तो वेल कैपिंग की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।”

पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि गैस में 97 फीसदी मीथेन है, जो सतह पर न जमते हुए वायुमंडल में फैल रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कुएं से 100 मीटर के दायरे तक वायु गुणवत्ता सुरक्षित स्तर पर है।

हालांकि, ओएनजीसी ने अभी किसी निश्चित समयसीमा की घोषणा नहीं की है, लेकिन ताजा गतिविधियों और विशेषज्ञों की राय से यह स्पष्ट है कि संकट पर काबू पाने की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है। इस घटना ने शिवसागर और आसपास के क्षेत्रों में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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