Uttar Pradesh

एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*

एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*
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एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश के साथ छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय में एक साथ किया सूर्य नमस्कार*

गोरखपुर, 21 जून (Udaipur Kiran) । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योग एवं सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों, अभिभावकों, एनएसएस एवं स्काउट के सदस्य छात्र, नागरिक एवं स्थानीय समाज के सभी वर्गों की सहभागिता रही। एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के संदेश को समर्पित कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल योग के प्रति जन जागरण था, बल्कि एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करना भी था।

कार्यक्रम के अंतर्गत सुबह विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध सभी महाविद्यालयों में हजारों प्रतिभागियों ने एक योग किया और कुलाधिपति की प्रेरणा एवं निर्देश पर विश्व रिकॉर्ड बनाने में अपनी भूमिका निभाते हुए “एक साथ सूर्य नमस्कार योग मुद्रा” का आयोजन हुआ। जिसमें महाविद्यालयों में लगभग 20,000 एवं विश्वविद्यालय परिसर में 3500 से अधिक लोगों ने प्रतिभागिता की।

सामूहिक योग एवं सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय इस ऐतिहासिक आयोजन में सहभागिता कर रहे हैं। ‘एक साथ सूर्य नमस्कार’ केवल एक योग क्रिया नहीं, बल्कि यह भारत की प्राचीन परम्परा, सामूहिक अनुशासन एवं वैश्विक सद्भाव का प्रतीक है। यह आयोजन सम्पूर्ण विश्व को यह संदेश हैं कि योग मानवता को जोड़ने का माध्यम है। विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम को न केवल एक रिकॉर्ड बनाने की दिशा में, बल्कि एक जनआंदोलन के रूप में देखता है, जो भारत की योग परम्परा को वैश्विक पहचान दिलाने में सहायक होगा। यह आयोजन विद्यार्थियों और समाज को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।

कार्यक्रम का आयोजन डीएसडब्लू प्रो अनुभूति दूबे के संयोजन में हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र-छात्राएं, कर्मचारी एवं नागरिकों की उपस्थिति रही, जिसमें एनएसएस स्वयंसेवकों की सहभागिता बड़े पैमाने पर रही।

–विश्वविद्यालय ने ‘योग संगम’ में की सहभागिता, प्रधानमंत्री के उद्बोधन का हुआ सजीव प्रसारण

आयुष मंत्रालय के ‘योग संगम’ कार्यक्रम के अंतर्गत पूरे देश में एक साथ 1 लाख स्थानों पर कॉमन योगा प्रोटोकॉल का अभ्यास किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय ने भी सहभागिता के लिए पूर्व से पंजीकरण करा रखा था। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का सजीव प्रसारण किया गया। उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में समुद्र तट पर लोगों के साथ योग किया और इससे पहले उन्होंने योग दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए दुनिया को योग की अहमियत के बारे में समझाया। 6:30 बजे शुरू हुए प्रधानमंत्री के उद्बोधन को सभी उपस्थित लोगों ने सुना तत्पश्चात सामूहिक योग का आयोजन हुआ।

–सम्बद्ध महाविद्यालयों में भी आयोजित हुआ सामूहिक योग एवं सूर्य नमस्कार

सामूहिक योग एवं सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के आयोजन में विश्व रिकॉर्ड बनाने के दृष्टिगत सभी संबद्ध महाविद्यालयों को निर्देशित किया गया था कि राजभवन के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए योग दिवस मनाया जाए और सामूहिक सूर्य नमस्कार के विश्व रिकॉर्ड को सफल बनाए। इस सम्बंध में विश्वविद्यालय ने डॉ सत्यपाल सिंह को योग और सूर्य नमस्कार कार्यक्रम हेतु डॉ आमोद राय को नोडल बनाया था। डॉ मनीष पांडेय, डॉ सुनील कुमार सिंह एवं डॉ संजय तिवारी को क्रमशः गोरखपुर , कुशीनगर एवं देवरिया का संयोजक बनाया गया था। सभी महाविद्यालयों ने आयोजन के पश्चात अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को उपलब्ध भी कराया है, जिसे विश्व रिकॉर्ड हेतु साक्ष्य के रूप राजभवन प्रेषित किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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