
देहराइन, 20 जून (Udaipur Kiran) । दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से शुक्रवार को केन्द्र के सभागार में शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
संगीतांजलि शास्त्रीय संगीत समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का निकोलस हॉफलैंड, संगीतांजलि के संरक्षक डॉ. डी. पी. जुयाल, अध्यक्ष सुनीत अग्रवाल, उपाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश गुप्ता, सचिव देवेन्द्र कांड पाल और केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
शास्त्रीय संगीत संध्या में सर्वप्रथम राहुल मार्कण्डेय की ओर से सितार वादन किया गया। मुख्य गायिका कविता जिन्दे ने अपने गायन में कई विविध प्रस्तुतियों से श्रोताओं की वाहवाही लूटी। उन्होंने घट घट में पंछी बोलता (भजन) का धारी ला परदेश (मराठी नाट्य संगीत), बरसन लागी बदरिया (कजरी), रंगी सारी गुलाबी चुनरिया (दादरा), आज जाने की जिद ना करो (ग़ज़ल), जमुना किनारे मोरा गाँव (दादरा) का गायन कर सभागार में संगीत की बयार बहा दी। संगीत कार्यक्रम में हारमोनियम पर धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा एवं तबले पर रविन्द्र नाथ मिश्रा ने जोरदार संगत की। संचालन डॉ. वी. के. डोभाल ने किया। इस संगीत संध्या को सफल बनाने में संगीतांजलि संस्था के सचिव देवेन्द्र कांडपाल की विशेष भूमिका रही ।
कार्यक्रम में डीपी जुयाल, सुनीत अग्रवाल, लालता प्रस्ड, बद्रीश छाबड़ा, ज्ञान प्रकाश गुप्ता, जागृति डोभाल, इंद्र, सोहन सिंह रजवार, महावीर सिंह रावत, डॉ. विजय शंकर शुक्ला, कुलदीप बुटोला, लालता प्रसाद, कुलभूषण नैथानी, पसबोला, हिमांशु आहूजा, चन्द्रशेखर तिवारी, सुन्दर सिंह बिष्ट, डी.के. अरोरा, पुष्पलता ममगाईं, देवेंद्र कांडपाल सहित कई संगीतज्ञ, संगीत प्रेमी, लेखक व रंगकर्मी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
