Jammu & Kashmir

जेकेएएसीएल ने सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने के लिए देशभक्ति मुशायरा और लोक प्रदर्शन का आयोजन किया

JKAACL organises Deshbhakti Mushaira and folk performance to celebrate cultural heritage

कठुआ 20 जून (Udaipur Kiran) । देशभक्ति की भावना और लोक जीवंतता को दर्शाते हुए एक सांस्कृतिक दोहरे प्रदर्शन में जम्मू कश्मीर कला संस्कृति और भाषा अकादमी के उप कार्यालय ने कठुआ जिले में दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए। जिसमें जिला पुस्तकालय में ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित एक मुशायरा, और पीर बाबा मेला और दंगल समिति चुगान के सहयोग से ऐतिहासिक शिंज मेला, रामकोट में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

जिला पुस्तकालय कठुआ में आयोजित मुशायरे में भारत के सशस्त्र बलों की वीरता को श्रद्धांजलि दी गई और कविता के माध्यम से देशभक्ति की भावना का जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कठुआ के विधायक भारत भूषण ने भाग लिया, जिन्होंने राष्ट्रीय भावना को साहित्यिक अभिव्यक्ति से जोड़ने में अकादमी के प्रयासों की सराहना की। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि ने युवाओं से ऐसे मंचों से प्रेरणा लेने और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। कार्यक्रम की शुरुआत दिवंगत कवि मदन लाल तूफान की स्मृति में दो मिनट के मौन के साथ हुई, जो एक सम्मानित साहित्यकार और निर्धारित प्रतिभागी थे, जिनके आकस्मिक निधन के कारण कार्यक्रम का समय पुनर्निर्धारित किया गया। साहित्य में उनके योगदान को सभी ने याद किया। नौ कवियों ने देशभक्ति की थीम पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। प्रतिभागियों में कवि डॉ. गुरु पार्षद, कवयित्री सरोज बाला, पुरस्कार विजेता विजय शर्मा, कवि श्याम लाल खजूरिया, कवि खजूर सिंह, कवि कुलदीप किप्पी, डॉ. लेख राज, कवयित्री दीपा शर्मा और कवि टीआर सुम्बरिया शामिल थे। मुशायरे का संचालन पुरस्कार विजेता विजय शर्मा ने किया, जिनके वर्णन ने इस अवसर को और भी समृद्ध बना दिया।

इस बीच रामकोट में शिंज मेला डोगरा लोक संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन बन गया, जिसमें पारंपरिक प्रदर्शनों ने मेला स्थल को विरासत के उत्सव में बदल दिया। बिलावर के विधायक सतीश कुमार शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने और बढ़ावा देने का एक मूल्यवान प्रयास बताया। विधायक ने कलाकारों की असाधारण प्रस्तुतियों की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजन हमारी जड़ों को जीवित रखने और हमारी युवा पीढ़ी को डोगरा संस्कृति की समृद्धि से परिचित कराने में महत्वपूर्ण हैं। कार्यक्रम के दौरान पांच सांस्कृतिक दलों ने जम्मू की लोक परंपराओं के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों में शतू राम एवं पार्टी द्वारा गीतरू, कस्तूरी लाल एवं पार्टी द्वारा डोगरी लोकगीत, सोनिया शर्मा एवं पार्टी द्वारा डोगरी लोकनृत्य, नीता आदर्श एवं पार्टी द्वारा पंजाबी-सूफी गायन तथा अजीत पाल एवं पार्टी द्वारा नाटकीय एवं व्यंग्यपूर्ण लोकगीत कारकां शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक मेजबान पवन वर्मा ने किया तथा कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक गतिविधियों के विशेष अधिकारी संजीव गुप्ता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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