पटना, 20 जून (Udaipur Kiran) ।बिहार विधानमंडल का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र 21 जुलाई 2025 से प्रारंभ होगा और 25 जुलाई तक चलेगा। 17वें विधानसभा का संभवतः अंतिम सत्र हो सकता है, क्योंकि सितम्बर-अक्टूबर 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस संदर्भ में यह सत्र चुनाव पूर्व की रणनीति और नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें जनता के हित से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान रहेगा। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार की अगुआई वाली राजग सरकार चुनावी माहौल को ध्यान में रखते हुए लोक-लुभावन घोषणाएं और विधेयक पास कराने की योजना बना रही है। अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत होने की संभावना है, जिसमें 41 विभागों की विभिन्न योजनाओं के लिए राशि बढ़ाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त, महिलाओं और शिक्षकों के लिए विशेष घोषणाएं भी संभावित हैं। बिहार में 6 लाख से अधिक शिक्षक हैं, और उनके लिए आकर्षक नीतियों की उम्मीद जताई जा रही है, जो वोटरों के बीच सकारात्मक संदेश दे सकती हैं।
विपक्ष की तैयारी और संभावित हंगामा-विपक्षी दलों, विशेषकर महागठबंधन जिसमें राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस सहित अन्य दल शामिल हैं। विपक्ष कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और अन्य ज्वलंत मुद्दों पर नीतीश सरकार को कठघरे में लाने की तैयारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि विपक्ष के आक्रामक रुख के कारण सत्र हंगामेदार हो सकता है। एनडीए गठबंधन, जिसमें जदयू, भाजपा, लोजपा (रामविलास), हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं। इनको विपक्ष से मुकाबला करने के लिए मजबूत रणनीति बनानी होगी।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी
