
झाबुआ, 20 जून (Udaipur Kiran) । जिले के राणापुर थाना क्षेत्र के ग्राम अंधारवड़ में एक मारुति वाहन सहित करीब साढ़े पांच लाख रुपये मूल्य की अवैध शराब बरामद की गई है। मिली जानकारी अनुसार शराब कारोबारी अवैध शराब की पेटियां उक्त वाहन से निकाल रहा है। संभवतः शराब की पेटियां वह अपने घर में जमा करने के उद्देश्य से वाहन से निकाल रहा था, तभी गश्त कर रही आबकारी टीम की नजर उस पर पड़ी, और टीम द्वारा तुरंत कार्यवाही को अंज़ाम देते हुए उक्त अवैध शराब वाहन सहित बरामद कर ली गई। कारोबारी के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 एवं संशोधित अधिनियम 2000 की धारा 34(1)(क), 34(2), 36, 46 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
इस संबंध में दी गई जानकारी में सहायक जिला आबकारी अधिकारी महादेव सोलंकी ने शुक्रवार को बताया कि मदिरा संग्रहण, परिवहन, चैर्यनयन एवं विक्रय के विरूद्ध आबकारी विभाग की संयुक्त टीम (आबकारी उपनिरीक्षक विकास वर्मा आबकारी उपनिरीक्षक, अकलेश सोलंकी एव मदन राठौड, कांतु डामोर, श्रीराम शर्मा, पवन गाड़रिया, विजय चौहान एवं श्रीमती पुष्पा बारिया) जब आबकारी वृत्त झाबुआ के ग्राम अंधारवड़ के रास्ते पर गश्त करते हुए गुजर रही थी, तभी देखा गया कि रोड़ के पास स्थित धर्मेंद्र पिता नुरजी सिंगाड़ अपने रिहायशी मकान के बाहर मारुति ओमिनी क्रमांक एम पी 45 सी 1855 से शराब की पेटिया निकाल रहा है। विभागीय टीम तुरन्त उस स्थान पर पहुंच गई, किंतु आबकारी पुलिस वाहन को देखते ही आरोपित धर्मेंद्र अपने घर के पीछे की ओर भाग गया। टीम द्वारा जब मौके पर वाहन की विधिवत तलाशी ली गई तो वहां से माउन्टस 6000 सुपर स्ट्रांग बियर कैन कुल 10 पेटी, किंगफिशर बियर बोतल कुल 02 पेटी, बैगपाईपर व्हिस्की 01 पेटी, गोवा व्हिस्की 01 पेटी कुल 14 पेटी (कुल- 152.88 बल्क लीटर) अवैध शराब पाई गई, जिसे विधिवत जप्त कर आरोपित धर्मेंद्र पुत्र नुरजी सिंगाड़, निवासी अंधारवड़ के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 एवं संशोधित अधिनियम 2000 की धारा 34(1) (क), 34 (2), 36, 46 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उक्त कार्यवाही की नवीन विधान के तहत विडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी की गई है। उक्त जप्त मदिरा का अनुमानित बाजार मूल्य राशि रुपये 51,120/- एवं वाहन 5,00,000/- रूपये इस प्रकार कुल जप्त सामग्री 5,51,120/- रूपये है। विभागीय टीम द्वारा फरार आरोपित की तलाश की जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा
